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गंधवाह-धूवंत धउ वूह-वारे एक्क रहु थिउ
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ताम तुरंगम-रह-गय-वाहणु हय-पडु-पडह-पवड्डिय- कलयलु भद्दिय-थाणंतरु पेल्लंतउ
रहवरु देवि अमाणुस - - गम्मे जमल- सिहंडि-र इ-राय- धट्ठज्जुण विद्धु भीमु सत्तरिहिं पिसक्केहिं कंपिउ भूमि- कंपेण व महिहरु चेयण पावेवि कोतिहे तोएं
घत्ता
तिहिं मारुइ तिहिं अवर हय धाइउ फर-करवाल-करु
कियवम्मो गुण- मंडियउं तो विरइय-सर- मंडवेहिं
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[१६]
भद्दिउ दोणहो पासु गउ । दारुणु समरारंभु किउ ॥
अवरइं चावई लेवि भयंकर हर असीहि मग्गणेहिं थणंतरे ओसारिउ सिहंडि-जुत्तारें पंडव दसहिं दसहिं विणिवारिय तहिं अवसरे हरि-वल-कुल- दीवउ सारहि वाहि वाहि रह तेत्तहे वट्टइ गमणु ताम परिसेसहु
छिण्ण सिंहडिहे तणउ धणु । णं स-पयंगु स-विज्जु धणु ॥
धाइउ सरहसु पंडव - साहणु णं पसरिउ मयरहर-महाजलु कुरु-गुरु वूह-वारे भेलंतउ
तव - सुय- वइणि (?) धरिय कियवम्मे पंचहिं पंचहिं सरेहिं कियारुण पुणु आसीविसहर- लल्लुक्केहिं विडिउ मुच्छा-विहलु विओयरु मुक्क सत्ति विहिं खंडिय भोएं
धणु करवालें खंडियउं । विद्धु अनंतरु पंडवेहिं ॥
चउसडिमो संधि
भिडिय जुहिट्ठिल- कुरुवइ - किंकर मुच्छा-विहलु पडिउ णिय - रहवरे कलयलु किउ कुरु-खंधावारें ओणय-मुह अमरेहिं धिक्कारिय सच्चइ जंतु णियंतु पडीवउ धम्म- पुत्तु परिपीडिउ जेत्तहे पच्छइ पत्थहो कुढे लग्गेसहु
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