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एक्कु सुघोस रहे
एक्कु कयंत-समु
तो तावणि-तवण-तणउ हसिउ
किं वण्णहि तेण स - सउरि णरु मायंद दोमइ - पाणि- गहे दुज्जोहण वंधणे धण -हरणे जामि जिह जायविंदु वलिउ जमलज्जुण पाडिय गिरि धरिउ
ओए वे - विमणिट्ठविय अहवइ समत्तु जइ अणिय - वहे
किव - दुज्जोहणहो हउं पच्छए भिडमि
घत्ता
गिरि-मेरु-पहे अवरेक्कु जमु
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कुरुवइ-कियवम्म- किवायरिय
एकल्ल अज्जुणु रिउ वहुय सीहो धाइय मत्त गय आयरिय-सुएण सएण धउ पंडवेहिं पिसक्केहिं परिपिहिउ वाणासणु वाणेहिं किउ दु-दलु किउ खेल्लिउ कुरुवइ वि-रहु किउ वलु सयलु-वि सरेहिं कडंतरिउ
घत्ता
वेढहो हणहो जें सिरु खुडमि
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sarishtifu
अवरेक्कु अवरे रहे चडियउ ।
।
को जियइ विहि-म कमे पडियउ ॥ ९
मद्दाहिव मंछुडु उल्हसिउ
किं मई ण दिड्डु गंडीव - धरु खंडव-खए तालुयवम्म - वहे भयवत्त-जयद्दह - वावरणे जे णिडुरु रिट्ठ-कंठु वलिउ अहि दमि कंसु उवसंघरिउ तो वसुमइ णिप्पंडविथ किय तो णा चडावमि ससि-फलिहे
रहु धरहो तुरंगम खेयहो । सउं केसवेण कोंतेयहो ॥
गुरुणंदण - सउणि समुत्थरिय गह मिलेव णाई एकत्थु हुय ते तिहिं तिहिं वाणेहिं णरेण हय तिहिं णरु णारायणु दसहिं हउ दोसायणि जण्णसेणि णिहिउ जत्तारहो तोडिउ सिर-कमलु सउवलु किय-वंधु कलिंगु जिउ णीसीहो करि-कुलु ओसरिउ
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