SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 161
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ असीइमो संधि मलिय-मरट्टहो रिउ-घाय-जाय-विच्छायहो । णर-णारायण गय पास जुहिट्ठिल-रायहो । [१] हरि दरिसावइ पेक्खु धणंजय सुरवइ-वइरि-पुराण-पुरंजय पेक्खु भीमु गय-घाएहिं घाइउ रह-रहंग रहि एक्कहिं लाइउ पेक्खु महागय महिहिं पउंजिय णं उप्पाए महाघण पुंजिय पेक्खु जेम उड्डूंत विहंगम रंगाविय रण-रंगे तुरंगम पेक्खु केम वड्डिय-अवलेवहो णासइ सउवल-सुउ सहएवहो किव-कियवम्म पेक्खु पडिलग्गा उत्तमोज-जुहमण्णहिं भग्गा छत्ते पंडुरेण चंपावइ उययसेल्लु छण-चंदें णावइ वड्ड-वार पइं पत्थ णिहालइ णं कियंतु भोयणु पडिवालइ घत्ता सउणि वारेवि सच्छंदु भमइ रणे सच्चइ । जिय-दुजोहणु उवविजय भीमु किह णच्चइ॥ [२] पेक्खु कण्णु किह कहि-मि ण माइउ धम्म-सुआणुपहेण पधाइउ मद्दाहिवेण ण वाहिउ रहवरु जाउ जाउ एहु जीवइ दुक्करु जाउ जाउ सव्वंगिउ विद्ध जाउ जाउ दोहाइउ पिद्धउ जाउ जाउ समरंगणे संकिउ तउ वाणासणि सहेवि ण सक्किउ वाहि वाहि रहु जेत्तहि अज्जुणु जहिं हरि हर-गल-गवालणज्जुणु जहिं कलहोय-कइद्धउ धुव्वइ जहिं गंडीव-धणुह-गुणु सुव्वइ वरिसइ रवि-सुउ किर सर-जालेहिं तावणि-रूवु पंडु-पंचालेहिं कासि-करुस-कइकय-सामंतेहिं सोमय-सिंजय-वलेहिं अणंतेहिं ४ । ८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001429
Book TitleRitthnemichariyam Part 3 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1997
Total Pages282
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy