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रिट्ठणे मिचरिउ
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- विविणिवाइय
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- विपण हंस - समप्पह पाडिय हयवर कुलगिरि - सिंग-तुंग तंवेरम कुंडल-मंडिएहिं गंडयलेहिं भुय - दंडेहि केउरालिद्धेहिं सिविया - जाण - जाण - जंपाणेहिं दढ - पाउडय - विविक्ख - सवंघेहिं भिसिया - घंटा - किंकिणि-जालेहिं
घत्ता
aगरणेहिं ओएहिं अवरहि-मि
किउ णाई णवल्लउ पावरणु
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दस सहास तहिं अवरे घाइय सुरवर-पुर- पासाय व रहवर - रिंद णक्खत्त-गहोवम घोलिर - हारि-हार - वच्छयलेहिं चामर - पुंडरीय-धय- चिंधेहिं कवियंकुस - माणिक-पल्लाणेहिं पक्खर - गेज्जा- पुरजणि वंधेहिं मुहवड- वइजयंति उडु - मालेहिं
पेक्खंतहो आहंडलहो । णरेण सयं भू-मंडलहो ।
इय रिट्टणेमिचरिए धवलइयासिय सयंभुएव - कए अट्ठहत्तरिमो सग्गो |
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