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________________ ९क्कचालीसमो संधि सयल-वि रूवें वम्मह-जेहा सयल-वि मणिमएहिं सीसक्केहि सयल-वि चिंघेहि वहु-विह-वण्णेहिं सयल-वि णं खय-काले चोइय सयल.वि कवयालंकिय-देहा सयल-वि कणयमरहिं रह-चक्केहि आयव-वारणेहिं सोवण्णेहिं सयल-वि भीम-कयंतहो ढोइय ८ धत्ता ९. सयल-वि पंडुहे गंदणेण तिक्ख-खुरुप्पेहिं घाइय । पेक्खतहो तहो दुज्जोहणहो पेयाहिव-पुर-पंथे लाइय ॥ [१३] चोइउ ताम दंति भयदत्ते णं णव-जलहरु वासारत्ते णं गिरि मंदरु सव्व-सुरेसे णं तम-पुजु ढुक्कु गय-वेसे गुलुगुलंतु गज्जंतु पधाइउ धम्मु सुआणुएण सर-छाइउ पज्जोइसेण थणंतरे साडिउ मुच्छा-विहलु विओयरु पाडिउ छुडु छुडु चेयण-भावहो ढुक्कउ अंतराले थिउ ताम घुडुक्कउ विहि-वसेण रणे मरणहो चुक्कउ + + + माया-गयवर ताम विणिम्मिय जे मय-वाहिणि-तोएं तिम्मिय अणु पुंडरीउ अइरावणु संख-कुंद-पउमप्पह-वाहणु भइमसेणि सई तेहिं गइंदेहि दिटु कयंतु व णरवर-विदेहि धत्ता अहिमुहु माया-गयवरहो पेल्लिउ वारणिंदु भययत्ते । दोण-पियामह-सल्ल-सल अंतराले थिय ताम पयत्ते ॥ ८ १० एम जाम जुझंत रणंगणे रवि अत्थमिउ ताम गयणंगणे पसरु पवड्ढिउ जामिणि-तिमिरहो वलई पयट्टई णिय-णिय-सिमिरहो गउ अत्याणे परिट्ठिउ राणउणिय-भायर-विओय-विदाणउ भणइ भडारा पेक्खु पियामह देव-देव देविंद समप्पह Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001428
Book TitleRitthnemichariyam Part 3 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages328
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size13 MB
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