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________________ अतीसमो संधि परिभमिर भमर झंकार - सोहु सारहि तुर गु दूमंतु ढुक्कु करि पूरिउ सरवर सरेहिं एंतु वइराडिहे मुक्क वलंति सत्ति सत्तिए भिण्णु कुमारु पाण विसज्जिय तेण विणिवाइउ उत्तरु रणे पयंडु of धम्म-सुयहो अहिमाण खंभु णं पत्थहा समरुच्छाहु भग्गु तहि अवसरे धाइउ पवण-वेउ य - विक्कम - विणय- सिरी- णिवासु सो वेढि अहं पत्थित्रेर्हि जयसेण- रुप्परह-कोसले हिं अवरेहि-मि पर - महार हे हिं तो विष्फारेवि चाउ सयल-वि सेए' त्रिद्ध तेहि-मि अवाहिय रहवरेडिं सो सत्तेहि सत्तेहि तोमेरेहि' ते सयल-वि मग्गण मग्गियत्थ गिरि-मेरु- समप्पह-संदणेण Jain Education International घता कण्णाणिल - चालिय-चामरोड सल्लाहिउ रणउहे कह - वि चुक्कु किं चुक्कइ अरि दाई-वि देतु उरे णिवडिय र्ण खय-काल-रत्ति खंघोवर जे इंदहो । सुमरण करेवि जिणिदहो || [१३] णं णित्रडिउ मच्छहो वाहु-दंडु णं भीमो भीम - भुयावरंभु णं जमलहुं अयस कलंकु लग्गु मच्छाहिब सुउ णामेण सेउ सेणाव - पट्टु विदु जासु विदाणुविंद - मद्दाहिनेहि कण्हाय रिंद विब्ववेहि दुम्मुह विहवत्त-जयदहेहि ' घत्ता [१४] फुरिय- फर्णिद-समाणेहिं । सत्तेहि सत्तेहिं वाणेहिं ॥ ५७ विस्फारिय-पवर - घणुद्ध रेहि हर भीम - भुयंग भय करेहिं णं किविण- णिहेलणे गय निरत्थ लहु हत्थे मच्छहा णंदणेण For Private & Personal Use Only ८ ४ ४ www.jainelibrary.org
SR No.001428
Book TitleRitthnemichariyam Part 3 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages328
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size13 MB
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