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रिठ्ठणेमिचरिउ
ण णव रस रस-बुद्धि पराइय वेणुदारि अरिदमणु महि जउ सूरवम्मु महसेणु महोयरु छाइउ अविरल-सरवर-जाले तेण-वि एक्केक्कउ पच्चारिउ
हणु हणु हणु भणत उद्धाइय भदाहिउ सुसेणु सत्तुजउ आएहि णेमि-कुमार-सहोयर ण महिहरु णव-पाउस-काले दसहि दसहि सरवरहि णिवारिउ धत्ता णव णरवइ जे पडिलग्गा । जिह मत्त महा-गय भग्गा ॥ १०
एक्के होतएण ते पंचमहेण
दुवई विमुहिय चक्कणेभिणा णिय-सुसामिणा दोच्छिया णियत्ता ।
ण उच्छलिय-मलहरा पलय-जलहरा उच्छरत पत्ता ॥ वेणुदारि तिहिं वाणेहिं विधइ सूरवम्मु सत्तासुग संधइ अरिदमणे अट्ठारह पेसिय
भद्दाहिवेण वीस परिपेसिय तीस सुसेणु महेसु विसज्जइ पिहिविसेसु(?) पंचास विसज्जइ ४ चउसट्टिहिं वावरइ महोयरु णं खय-किरणेहिं तवइ दिवायरु घत्तइ सर सत्तरि सत्तुंजउ नवइ वाण पट्टवइ अरिंजउ सयल-वि जायवेण ते छिण्णा अहि-व खगेसरेण विक्खिण्णा कोदंडई कवयई सीसक्कई छत्तई चामराई रह-चक्कई ८ सारहि वर-तुरग विणिवाइय णट्ठ णराहिव कह-व ण धाइय
घत्ता
ताम विरुद्धएण विज्जु व मेहेण
सत्तत्तमेण पुवज्जिय । वइरोयणि सत्ति विसज्जिय ॥
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