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रिट्ठणेमिचरिउ
घत्ता जाणभि वर-चमु-चूरणहो पंडव-कुल-भवण-पईवहो । रणउहे लउडि-भयंकरहो को घाउ पडिच्छइ भीमहो ॥
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पण्णत्ति-पहावे दुम्महहो को मल्लु महाहवे वम्महहो जिउ जेण कालसंवरु पवरु परिहविउ वियब्भ-राउ अवरु णारायणु णर-सुर-पलय-करु गोबद्धण-धरु कंसासु-हरु अवर-वि एक्केक-पहाण भड को सहइ ताहं संगाम-झड
४ मगहाहिउ झत्ति पलित्तु मणे सो गंद-गोउ महु मरइ रणे कलि-कोडिउ कुरुव-राउ कुविउ हउ भीमहो धूमकेउ उइड चंपाहिउ मच्छर-मलिय-करु पभणइ महु हत्थइ मरइ णरु अवर-वि अवहथिय मरण-भय स-पइज्ज पयाणां देवि गय
धत्ता दिट्ट असेसेहिं णरवइहिं रिउ-साहणु दुप्परियल्लउँ । वम्म-वियारउ मारणउ जिह कामिणि-पेम्मु णवल्लउ ॥ ९
. [६] अभिट्टई वाहिय-वाहणई पडिकेसव-केसव-साहणई णिप्पसरई पसरिय-कलयलई हय-तूरइं पहरण-करयलाई वहवाविल-वूह-भयंकरइं धय-छत्तत्तरिय-दिवायरई णिव-णिवह-णिरुद्ध-समीरणइं अवरुष्परु ण-किय-विहीरणइं मेलाविय-असुर-सुरच्छरई रण-रसियई वद्धिय-मच्छरई दाविय-पवणुद्धय-धयवडई गय-गंधुद्धाइय-गय-घडई सारहि-सारहिसारिय-रहई खर-खुर-वर-खुण्ण-खोणि-पहई रण-रामालिंगिय-लालसई सामरिसई स-रसई स-रहसई
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