SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 283
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३० मोर महाघएण सुउ कण्णहो -एम पराइय स-वल स-कलयल स- रहसु सं-रस-रोसु उ- दिस तूरई देवि चउ तुरयारूढें अक्खय - तोणे सहस चउद्दद्द तरुण- मयंगहं सट्ठि सहास रहहं परिसंखहं रक्खणु देपिणु सिंघव - राय हो मत्त गदहो णवहिं सहासेहि सुहडद्दं लक्ख चत्थे भाएं वारह गाउयाई आयामें - दस गाउयई परम - वित्थारे - अग्गए सायड - वूहु किउ सिणिउ जयद्दहु जेत्थु तिणि-वि वूहई थियई अ-भेयई सगड-पम-सूईमुहु-णामइ' महिहर-तुंग विलिहिय-गयणइ आइ पत्थु केम फोडेसइ ताम समुठियाई दु-निमित्तई वायस करयरति लल्लकइ घट्टज्जुणेण ताम्ब हय दाविय दिठ्ठे फुरंतु महाधए वाणरु Jain Education International अण्णें लंणेण घड अण्णहो सयल स-वाहण साउह-कलयल घत्ता रिमिचरिउ ओत्राहिय-रह-गय-वाहणु । करव - साह || उद्घाइड [११] ताम जयद्दहु धीरिउ दोणें आजानेयहं लक्खु तुरंग लक्खई एक्कत्रीस पाइकहूं पेसिउ वूहारुह-म तुरयहूं पंचवीस पंचासेहि - महि-भायहो उ दुज्जोहणु अग्गिम-भाएं वूहु रइन्जइ सायडु णामें गुरु- परिरक्खिण दुव्वारें घत्ता पउम - वूहु तहो पच्छए । सूई - मुहु तासु - वि पच्छए ॥ [१२] सुरवर-मणे चितंति अणेय * अइ-पिहुलई अचंतायामइ णं जम-काल- कंयहं वयणई' केम जयद्दह - सिरु तोडेसइ असिवई सिव आयरइ विचित्तई होंति अणेयई छिक्का - वकइ णं भयरहर - तरंग विहाविय णं विझइरि - सिहरि वइसाणरु For Private & Personal Use Only ८ ८ ४ ८ www.jainelibrary.org
SR No.001428
Book TitleRitthnemichariyam Part 3 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages328
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy