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रिटुणेमिचरिउ
माए माए घर-वासु णिहालहि माए माए परियणु परिपालाह माए माए सहारहि अप्पडं तरु दुक्ख-णइ करेवि दिहि-तप्पउं माए माए किं रुज्जइ वीरहो जसु ओसरइ ण लच्छि सरीरहो
घत्ता
अट्ठ सहास महारहहं सउ राउत्तहं सहसु णरिंदहं । सहस चउद्दह किंकरह हयई जेण णव-सयई गइंदहं ॥
८
तो उठवाहुल-वटुल-वाह ए रुण्णु सुहद्दए मुक्कल-धाहए पुत्त पुत्त किह चूहे पइट्ठउ पुत्त पुत्त किह वइरिहि दिउ पुत्त पुत्त किह वाणेहिं भिण्णउ पुत्त पुत्त किह खग्गेहि छिण्णउ पुत्त पुत्त किह वइरिहिं दिट्ठउ पुत्त पुत्त किह महियले सुत्तउ ४ पुत्त पुत्त किह डाहुप्पाइउ पुत्त पुत्त णारायणु आइउ पुत्त पुत्त जयकारहि माउलु पुत्त पुत्त कहो छडिउ राउलु पुत्त पुत्त तुहुँ केहि दीसहि पुत्त पुत्त उत्तर मंभीसहि पुत्त पुत्त जायव-जणु दुच्छिउ पुत्त पुत्त पई को-वि ण पुच्छिउ ८
घत्ता देवइ-रोहिणी-रुप्पिणिहिं दोमइ-कोतिहिं णिच्च-णवल्लउ । वंधव-सयणई परिहरेवि कवणु दोसु जहिं गउ एकल्लउ ॥ ९
[८] सुह-गई लहहि पुत्त महु दुल्लह रण-वहु-अमर-वरंगण-वल्लह छिण्णइं जेहिं सव्व-पसु-पासई कियई जेहिं उपवास-सहासई लद्धइं जेहिं सुखेत्तई मरणइं चिण्णइं जेहिं महा-तव-चरणई दिण्णइं जेहिं चउठिवह-दाणइं वसियइं जेहिं पंच-कल्लाणई ४
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