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चउतीसमो संधि
धत्ता तहो तेत्थु वि दुक्खु णाल छेय-सुइ-विंधणई । थण-दुद्वाहारु वज्झइ वधव-वंधणई ।।
_ [१३] दुक्किय-कम्म-पहावें विट्टलु होइ जीउ दुक्कम्महं पोट्टलु सत्त-धाउ सत्तुप्परि-चम्मई सत्तसट्टि तीसद्ध स-मम्मई हड्डुहं तिणि-सयई सु-विसेसहं तिणि सयाई जे संधि-पएसहं अंतह पंच-सयई सण्णामह सत्त-सयई सिरहिं णव-थामह अट्ठवीस किमि-कुलहं रउद्दहं सोलह कंडुराउ णव छिद्दह असिय लक्ख रोमुग्गम-कोडिहिं वाहत्तरि सहास वर-णाडिहिं मुत्तहो कुडउ दिवड्डु पुरीसहो मन्थिक्कंजलि अंतरे सीसहो सुक्क जलि चउरंजलि सोणिउ छंजलि पित्तु ति-अंजलि पाणिउ ८ ।
घत्ता
एउ अवरु वि जीउ दुग्गंध-सरीरि
कम्म-णिवद्धउ वहइ जहिं । कवणु पएसु पवित्त तहिं ।।
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तहि-मि अणेय रोय कु-कलेवरे दस सिरे अट्ठवीस कण्णांतरे लोयणे रोय वीस छाहत्तार एक्कतीस णासउडह उप्परि पंचसट्ठि मुह-कुहरभंतरे गंड-भेय चउत्रीस गलंतरे उरे एयारहामे अट्ठोयरे असी वाय कफ वीस कलेवरे अट्ठबीस अट्ठारह पित्तई वढिउ सत्त तिणि वरे सत्तई चउ वम्मीय चयारि-वि अप्फर तेरह सण्णिवाय वारह जर सास-कास-उम्माय-भगंदर , गुम्म-वियप्प पंच-पंचावर सन-अंत-विदिउ सलत्तउ(?) मडइ सार सड सरिउ पउत्तउ 14-1b ज. अठतीस. 8 ज. सडइ.
१९ पक्राइ
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