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घावण्णासमो साधि
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परण
तहि काले सयाणीयंकणेण परिहिय-रणवहु-णव-कंकणेण संघाणे थाणे किय-आयरेण गुरु-विद्ध विराडहो भायरेण हिं सरेहि भुवंगम-भीसणेहि णव-जलय-वलाहय-णिसणेहि छ-त्रि छिण्ण सिलीमुह दियवरेण पुणु थूणा-कण्णेसर-सएण सिरु खुडिउ मराले कमलु जेवं थिय सोमय-सिंजय णिरुत्रलेव
ओहामिय कइकेय-जमल-राय पंचाल मच्छ विच्छाय जाय गुरु-वाणेहिं वूहई फोडियाई धय-चामर छत्तई मोडियाई वइसारिय हय गय वणिय जोह चउदिसिहि वहाबिय सोगिओह ८
पत्ता समसुत्ती पाडेवि णइ णिवाडेवि काल-ललाविय-जोह-णिह । रुहिरामिस-सित्तउ रस वस-लित्तउ हिंडइ दोणु कयतु जिह ।।९
(१८) तहिं काले परिट्ठिउ साहिमाणु जुहमण्णु जयद्धर चेइयागु सच्चइ घटुणु घट्टकेउ पंचालु सिहडि समुग्ग-तेउ वसुदाणु सुदक्खिणु उत्तमोज्जु खणे खत्तधम्मु जगे जणिय-चोज्जु आढत्तु अक्खत्ते तेहिं ताउ । ण सहिज्जइ केण-वि ते.वि धाउ ४ भूमीसह सीसई खुडइ दोणु कमलायर-कमलाई णाई दोणु एक्केक्कउ भीसणु वाणु लेवि वसुदाणि-जयद्धर गिहय वे-वि उरयडे पंचहि पंचालु भिण्णु सिरु खेमिहे णवहिं सरेहिं छिण्णु हउ वीस चउक्के खत्तधम्मु वारहहिं सिहंडिहे तणउ वम्मु ८
धत्ता तीपहिं सिणि-णंदणु किउ णीसंदणु उत्तमोज्जु-वीसहि सरेहिं । जुहमण्णु असक्केहिं पहउ पिसक्केहि णं चउसट्टिहिं विसहरेहिं ॥९
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