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रिट्ठणेमिचरिउ
तेहिं गएहिं परुष्परु घाइड धाए घाए थरहरइ वसुधर घाए घाए उट्ठति फुलिंगइ घाए घाए वहु-मरगय-टिक्कई घाए घाए कल-किंकिणि-जालउ . घाए घाए तुट्टइ सीसक्का घाए धाए दलियई तणु-ताणई घाए धाए घुम्मति सरीरई घाए घाए सुरवरह णिय तह
संसउ विहि-मि वलह उप्पाइड घाए घाए डोल्लंति महीहर होंति दिसा-मुहाई सिहि-पिंडइ उच्छलंति मोत्तिय-माणिक्कइं उच्छलति उच्छलिय-वमालउ धाए घाए भूवइ-लल्लक्कई घार घाए रुहिरई अ-पमाणई धाए घाए चित्तई गिरि-धीरइ. णिट्ठियाइ कुसमाई-धिवंतह
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घत्ता
गरुय-धाय-विहलंघल वे-वि महावल पडिय महीयले मुच्छ गय । दिट्ठा सुर-विदेहिं कुरुव-गरिदेहिं गिरि व पुर दर-कुलिस-हय ॥१०
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महाहिवइ-अमाणुस-गम्में णिय-वलु पइसारिउ कियवम्में एत्तहे वइरि हणतु विओयरु ऊदिउ जाउहाणु जम-गोयरु तो कामिणि जण-मण-थण-थेणहं जाउ जुझु णाउलि-विससेणह रवि-सुय-तणएं दस सर पेसिय णउलहो णदणेण णीसेसिय अवरेहि दसहि थणंतरे ताडिउ । धणुवरु छिण्णु महा-धउ पाडिउ आसत्थामु ताम थिउ अंतरे धाइय पंडु-पुत्त तहिं अवसरे सोमय-सिंजय-कइकय-राणा अवर-वि पहु एक्केक्क-पहाणा एत्तहे रहवर-तुरय-वरेण्ण धाइयाई दुजोहण-सेण्णई
नाडिस
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धत्ता
पंडव-कुरुवाणीयह णहयले अणक्कारिउ
विक्कम-वीयह सुर-परिवारिउ
जाउ महाहउ दुब्बिसहु ।। आउ णिहालउ अमर-पहु ।। ९
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