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पंच णमोक्कारेहिं रिउ मद्दण विजय- महाएविहिं उप्पण्णा घोर-वीर-तव- - रिद्धि-पहूावें तो पंडवेहि परम-कारुण्णेहि
वाणारिसिहि णराहिव - णंदण जाईसर पावन्ज पवण्णा
घन्ता
पणिवेष्पिणु णर्वाह्न - मि वुच्चइ एह पइज्ज महंतरिय । जइ संगामहो उव्वरिय ||
तव - लच्छि सई भुंजेसइ
इयरिमिचरिऐ धवलइयासिय सयंभुएव - कए ।
सरि सुय सण्णास-1
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आइय कहउ धम्मु सब्भावें संव-वलाहणिरुद्ध - पज्जुण्णेहिं
रिमिचरि
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- विद्दिए मरणं वम्होत्तर- सग्ग-गमणं एउणपण्णासमो सग्गो ॥ गंगेय - पव्वं समत्तं ॥
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