SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 148
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सत्तचालीसमो संधि तालय - वम्म जेहिं विणिवारिय जेहिं णियत्तिउ कुरुम-वंदिग्गहु रिउ णत्र दिवस जेहिं विणिभिण्णा तेण - विलय पत्थु जय कारेवि कह वि कह - विणिसि गमिय पयतें गय कुरुखेत्त रणंगणु मंडिउ पहरण-सिहि-जाला - मालउ दी संति महा-वण-डंबरेहिं गय-मय-तुरय-ग. पासेरहि अवर चडत्थे णर- रुहिरोहें ताम भीम - जम- सच्चइ-वाणेहि णिय वलु भज्जमाणु अवलोएवि पंडव - वूहु भिण्णु पइसारिउ सोमय - सिंजय-मच्छ-पहाणा तो गंभीस देवि पंडव-वले पत्थर थाहि याहि पच्चारिउ पहरु पहरु जइ गंगा- जायउ आउच्छहि कउरव-साहणु मई तुज्झु कर्णत कर्णताहों Jain Education International काल- कंज- दणु जेहिं वियारिय जेहिं वियंभिउ उत्तर- गोग्गहु ते परेण तहों सयल-विदिण्णा जिह कयंतु थिउ घणु विष्फारेवि वासवि आस पसाहिय मित्तें उट्टिय धूलि सन्वु उम्मंडिउ घत्ता धत्ता १३९ रयहो मज्झे पतियउ | of विजुलउ फुरतियउ || [५] - गिहि समय तिहि - मि रणे एएहिं अरुण समुह समप्पह-सोहे' आसुरु वूहु भिण्णु सु-प्रमाणेहिं सुरसरि-णंदणेण रहु चोएवि पाण लेवि दस-दसहिँ पधाइउ सयल - विराय जाम विद्दाणा दुमय-सुएण विद्धु वच्छ-स्थले दुक्कर रण- मुहे जाहि अ-मारिउ तुह सोहउ सिहंडि जमु आयउ कंजई करहि करेवाई | अंगई सरेहिं भरवाई ॥ For Private & Personal Use Only ४ ८ १० www.jainelibrary.org
SR No.001428
Book TitleRitthnemichariyam Part 3 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages328
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy