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________________ १२६ रिट्ठणेमिचरिउ [२] गिसुणेविणु तूरहं तणउ सदु पंडवेहिं वूहु किउ सव्व-भद्द रण-भूमि पइट्ठई वलई वे-वि पडिलग्गई अणियहो अणिउ देवि पवणद्धय-चिंधई फरहरंति णं कायर चित्तइ थरहर ति हरिचंद-पुराई व रह भमंति अभाई व चक्कइ थरहरति दप्पुद्धर सिंधुर सीयरति ण घग संचारिम संचरति तुरमाण तुरंगम महि छिति णं णिरवसेसु महि यलु पियंति विज्जुलउ व असि-लट्ठिउ फुरति कोवा इव चावई कर यति मिहुणाई व उहय-उलई भिडंति अहिउलई व सर-जालई पडंति धत्ता हरि-खुर-खउरण-रउ उच्छलिउ णं वलई गिलंतहो उद्धसिउ आमिस-वस-रस-लालसहो । केस-भारु रण-रक्स्वसहो ॥ ९ वठंतर तेहए रण-रउद्दे रुहिर-णइ-सहासुट्टिय-समुद्दे अहिमण्णु पिसंग-तुरंगमेहि गंगा-तरंग-र गिर-गमेहिं पइसइ एक्केण महा-रहेण सेण्णई डहंतु सर-हुयवहेण फेडंतु कियंतहो तणिय भुक्ख । छिदंतु णराहिव-पवर-रुक्ख गुरु-गंधवहृद्धय-धय-विहंग जर-पंडुर-सिर-परिणय-फलोह थिर-थोर-पलंव-भुवोह-डाल उड्डाविय-रह-गय-तुरय-सेण तोणा-कोडर-सरवर-भुवंग लोयण-फुल्लंधुय-दिण्ण-सोह णह-णियर-कुसुम-करयल-पवाल णं तूल-रासि हय मारुएण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001428
Book TitleRitthnemichariyam Part 3 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages328
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size13 MB
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