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रिट्ठणेमिचरित
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भीमें कुरुव-राउ हक्कारिउ घायरट्ट कहिं जाहि अ-मारिउ लग्गउ हउँ अप्पणए पराहवे पूरमि अज्जु पइज्ज महाहवे विस-जउहर-केसग्गह-जूयई तुम्हह दुष्परिणामीहूयई दुण्णय-दुमहो फलई अणुहुंजहो बंधु-कवंध-सयई परिपुंजहो एम भणेवि जमकरण-समाणेहिं आहय हय चउ-संखा-वाणेहिं विहिं सारहि समर गणे घइउ छहिं णाराएहि धउ दोहाइउ पाडिउ फणि चामीयर-घडियउ णाणाविह-मणि-रयणेहिं जडिउ विहिं सग्णाहु णाहु वीसद्धेहिं आमिस-वस-रस-रुहिर-पइहे हिं
८
घत्ता
0.
कुरुव-राउ मुच्छावियउ कह-कह-वि ण मारिउ । किवेण चडावेवि णियय-रहे केथु-वि ओसारिउ ।।
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दुवई ताव जयद्दहेण रहु वाहिउ जहिं णिवसइ विओयरो ।
कीयय-वगहिडिव-किम्मीर- जडासुर-काल-गोयरो ॥ १ जाउ महाहउ हेइ-समिद्बहु कंचण-केसरि-सूयर-चिंघहुं तहि अवसरे पसरिय-अहिमण्णहो अट्ठ कुमार भिडिय अहिमण्णहो पंचहि पंचहि सरेहि पडिच्छिय तेहि-मि मग्गण मुक्क जहिच्छिय तो णर-सुएण णियंतहो सेण्णहो चउद्दह इसु पट्ठविय विगण्णहो ४ हय हयवर सारहि विणिवाइड छिण्णु सरासणु धउ दोहाइउ अवरेहि वर-सरेहि घुम्माविउ कह व कह-व जम-णयरु ण पाविउ सत्त कुमार ताम तहो धाइय . णं दुव्वार वार संपाइय दोमइ-णंदणेण सुयधम्म दुम्मुहु वरिउ अमाणुस-गम्में ८
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