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________________ रिद्वमिचरिउ [] दुवई धाइउ जण्णसेणि कारे वल-पहर-पयार-साडणं रहवर-गयवरासणं रण-कवय-पाडिय-पत्त-वाडणं ॥१ दिट्ठ भीम भड-सयई वहंतउ णं वण-दउ वण-तिणई डहंतउ तम-पडलई हणंतु णं णिसि-गिलु णं णिय-कुलई गिलंतु तिमिगिलु 'णं भंजंतु पहंजणु रुक्खइ णं खगवइ गसंतु फणि-लक्खइ एक्कहि मिलिय स-गय स-सरासण णं विण्णि-वि दुप्पवण-हुवासण णिय-रहे दुमय-सुरण चडाविउ णं अणिलेण अणलु वद्धाविउ घट्टजुणेण लक्ष्य रिउ वाणेहिं पगुणा सेस सेय-परिमाणेहिं कुरुव-णराहिवेण वलु पेसिउ दोमइ-भायरेण णीसेसिउ ४ घत्ता मोहिउ मोहणत्थु मुएवि सुर-विक्कम-सारें । णं आलिहेवि परिट्ठियउ णिप्पुरउ सिट्ठारें ॥ [८] दुबई ताम्व महा रहाह विष्फारिय-चावह वद्ध-तोणह जायं दारुणं रणं विहि-मि परोप्परु दुमय-दोणह पलय-जलग-जालोलि-समाणेहिं आयस-वयण-वेहि-वर-वाणेहिं 'सिल-सिद्धोरहिं रुपिय-पुंखेहिं कंक-गिद्ध-सुय-वरहिण-पंखेहि सायकुंभ-विदुविय-सरीरेहिं पउणेहिं दीहरेहिं पर-सीरेहि दोमइ-ताउ बेहिं तिहिं ताडि उ कह-व कह-व रहवरहो ण पाडिउ विहलंधलिकरेवि गउ तेत्तहे भीमसेण-धट्ठज्जुण जेत्तहे जेत्तहे कुरुप सेण्णु वामोहिउ उम्मोहण-सरेण उम्मोहिउ ४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001428
Book TitleRitthnemichariyam Part 3 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages328
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size13 MB
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