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________________ तेतालीसमो संधि सारहि एत्थु ताम तुहुं थक्कहि जाम्व करेमि कुमार कडवंदणु एव भणेवि आयामिय-धर- वलु णं जमु दंड-हत्थु आहिंड रहवर गयवरोह मुसुमूरिय जउ जउ पंडु पुत्त परिसक्कइ भीमें भीम भुयंगमेण गय-विस-घाणिय-घाइयउ ताम्ब सपिहिय- लोयणो सारहि अक्खु अक्खु सम्भावें सक्कायरिय समेण सुधीमें अहिणव- पष्फुल्लिय- वर-वयणहुं जइ मुउ तो घायमि अप्पाणउं उत्तर कवणु देमि किर कोंतिहे कंड-संड-गंडीव - वित्थहो उत्तर कऋणु देमि गोविंदहो भाइ विसोउ होहि वीसत्थउ इहु कुमार-वल चूरइ लग्गउ चूरिय रहंग घय तुरय घट्टज्जुण पइसरहि तुहु Jain Education International अरिवर-नियर ण वाहेवि सक्कहि ताम्व म चालहि एत्थहो संदणु घाइउ मरअ गयासणि-करयलु कुरव कुमार-सहासई पिंडइ वायस सिहं मणोरह पूरिय तउ तर वलु मुहु णिएवि ण सक्कइ धत्ता जो तर्हि संदट्ठउ | सो को वि ण दिट्ठउ || [६] दुबई पभणइ दुमय - सहोय । कहि वट्टइ विओयरो ॥ हउ जीवमि जीवंते भीमें उत्तर कवणु देमि किं जमलहु पेक्खमि केम जुहिट्ठिल राणउ । पंचालिहे विहलंघल होंतिहे उत्तर कवणु देमि किर पत्थहो उत्तर कवणु देमि सुहि-विंदहो जीवइ भीमु गयासणि- हत्थ उ जिद्द वंस-त्रणे पड्डु महग्गउ धत्ता भड रण जेण परसें । तेण परसें ( ? ) ॥ For Private & Personal Use Only ९९ ४ ८ ४ www.jainelibrary.org
SR No.001428
Book TitleRitthnemichariyam Part 3 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages328
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size13 MB
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