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रिट्ठणेमिचरित
घत्ता पणवेष्षिणु विउरु णियत्तियउ पंडु-पुत्तु गउ दुम्मणउ । णिय-जम्म-भूमि मेलंताहो कासु ण अंगहो रणरणउ ॥ ९
[९] णव-वसंत-समए मणोरमे मलय-मारुयंदोलिए दुमे कमल-रेणु-रंजिय महीयले चूय-चंपयाराम-सीयले कोयलालि-कुल-वहल-कलयले विविह-कुसुम-रय-सुरहि-परिमले पंडु-णंदणाणंद-संगया
वारणामयं पट्टणं गया जहिं पयंड-पुंडुच्छु-वायाहया(?) उच्छलंति मायंद-णिवहया पक्क-कलम-कणिसा पलोट्टिया ___x x x कसण कणिस-भर-भग्ग-पंकया पंकयाइं उच्छलिय-छप्पया छप्पायाउला पहिय-सत्थया पहिय-सत्थ-णिक्खोय पंथया ८
धत्ता
तं पट्टणु पंडव पइसरिय जय-जय-सद्दे लद्ध जय । दस दिवस पुरोहिय-भवणे-थिय पुणु जहिं जउहरु तेत्थु गय ॥९
[१०] दिट्ठ णिहेलणु लक्खासारिउ कारणु हियइं परिट्ठिउ भारिउ एउ कम्मु दुजोहण-केरउ अण्णहो चरिउ कासु विवरेरउ एव वियप्पेवि पिहिवि-पहाणउ भाइहिं कहइ जुहिट्ठिलु राणउ एहु ण भवणु भीम भल्लारउ अप्पसत्थु थिउ सव्वागारउ सण-सज्ज-रस-बसा-धिय-संगहु लक्खा-कय-तण-कट्ट-परिग्गहु वरिसभंतरि हुववह-भायणु रक्खइ जइ वि सक्कु णारायणु भणइ विओयरु पत्तउ किज्जइ अप्पसत्थु जइ तो ण-वि सज्ज
धम्म-पुत्तु णिय-भाइहे अक्खइ जइ छंडहु तो रिउ उवलक्खइ ...9 7b पकयाह 10 7a पुत्तउ.
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