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अट्ठारहमा संधि
जें वाल- भावे भीमज्जुणहं तं कवडु करेप्पिणु मंतणउं
ताय ताय जइ एत्थहो गच्छइ ता महु अंगि होइ सुह-अच्छी वसुमइ संसय-थाणु वलगी दाइउ चोरु जारु रिउ विसहरु सूइउ जं दूसासण- जेट्टे महु वि एउ हियवइ पडिहासइ त्थु पत्थु तर्हि कज्जु विरुज्झइ पंडव वरणामर वर- पुरवरे
तं पट्टणु होउ जुहिट्ठिलहो विहिं हत्थिहि णिव्भर - मत्ताहि
एउ भणेवि पहिय हक्कारिय अत्थि वारणामउ वर-पट्टणु बुच्चइ थामे थामे घण घण्णई थामे थामे पाणियई पवित्तई थामे थामे दहि-य-पय- पाणई थामे थामे सहलई सालि-वाई थामे थामे जंतउडि-सहासई थामे थामे कल कोइल-कलयलु
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परिसु कहि-मिण खंडियउ । कुरुवेहिं जउहरु मंडियउ ॥ १
[१]
अहि कहि-मि जुहिट्ठिल अच्छइ सव्वालिंग दे ण लच्छी तेण वसंतें कउ सामग्गी आयहुं पासि ण दिज्जइ रइ हरु तं चितवि कज्जु घयरट्टे जेत्थु भीमु तर्हि कज्जु पणासइ एक्कहे वसेवि तेण णउ सुज्झइ जंतु ठंतु परिओसिय-सुखरे
धत्ता
तुम्ह एउ णराहिवइ । एक्कर्हि वसइ ण संभवइ ॥
[२]
दिण्णई दाणई भेउ णिवारिय वण्णहो तो केरउ वड्डत्तणु थामे थामे पुप्फलई स- पण्णई थामे थामे गोउलई विचित्तई थामे थामे आरामुज्जाणई थामे थामे सरसई इक्खु-वाई थामे थामे कमलई सविकासई थामे थामे केयइ-रय - परिमलु
1.3a अंग होइ सुहसच्छी 5b दियइ 66 सूयउ.
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