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________________ सत्तरहमो संधि पंडव कुरु राहिव वीरेहिं लच्छि बहू अवगूढ सरीरेहिं । रंग-भूमि-पइसारे वियंभिउ भारहु तं जे नाई पारंभिउ || A [ 3 ] वग्गिय जमल - पत्थिवा पत्थिवाण सारा । सीह - किसोर विन्भमा विन्भमा कुमारा ॥ हेप्प - हेमणिम इ दूसासण-दूसह-कुंडवेइ विंदाणुविंद - सहएव कुमार णंदोवणंद-दूसल-वलाइ वाणासण- वाण-1 -विसालणेत्त उग्गामुह - उग्गम-उग्गसेण वलवण- भीम-विलासकेउ दुप्पसह - वियच्छ-सुवण्णणाह सेणाणि घणुद्वर-चित्तधम्म ते ते वण्णवीर-रणदुद्धर रंगे पट्ट अगंग- सम- पह Jain Education International कुंडाविह कुंडिण - कुंडिवार दिटरह - कणयद्वय - कुंडलाइ दिढम्म दिदा उह - पउढखेत्त वित्तास-विचित्त-विचित्तसेण - च्चकेउ उग्गा सव- दुसवाइच्च दुम्मय - दुम्मह- दुम्मुह-सणाह भीमरहालोलुय-भीमयम्म घत्ता रह-गय-तुरयारूढ घणुद्धर । सहल णाई गंधारि - मणोरह || [ २ ] अवर कुमार अवर-पहरण - णिरुद्ध - हत्था | अवरुब्भिय - महाधया अवर वाहणत्था || १ For Private & Personal Use Only ४ दुद्धरिसण-दुद्धर-दुद्दरिस दुम्मरिसण दुम्मरि-दुम्मरिस दुक्कण्ण-विकण्ण-कण्ण- पमुह दुद्दरिसण दुज्जय-दुप्पवह आदि - घत्ता - a वीरइ. 1. 3a ज समसह 10d सुहल. 2. 4a विदसंध १० www.jainelibrary.org
SR No.001427
Book TitleRitthnemichariyam Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1993
Total Pages220
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size9 MB
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