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चउद्दहमो संघि
धत्ता जेट्ठ अंधु लहु पंडियउ तित्थु पयंडु पंडु महि पालइ । जो जो कप्पु ण देइ लहु मंडलु तासु मंड उद्दालइ ॥
[८] णरवइविट्टि रक्खिय-रट्ठहो सुय गंधारि दिण्ण धयरट्ठहो सउणि मंति पडिवण्णउ भायरु सुवलहो णंदणु कवड-कियायरु पंडुहे पंडु-रोउ वड्डारउ
मुहेण विणिग्गय-रुहि रुग्गारउ अंधकविट्टि कन्जु परियच्छइ तासु कुंति देणहं ण समिच्छइ ४ तें गरुयारउ दुक्खु कुमारहो मुच्छउ जंति एंति सुकुमारहो एक्कहिं दिवसि कहि मि गउ उववणु जहिं विजाहरु दससयलोयणु अवरें विजाहरेण णिवद्धत
अंगुत्थलउ तेण तहिं लदउ कामरूव-धरु कइव-दिणावहि मग्गेवि लयउ पासे तिय-रायहि ८ सउरी-पुरवरु गउ तहो पाणे परु ण मुणिजइ जिह विणु जाणे मयण-सरिसु किंउ रूवु जुवाणउं लाइय विलयहि कोसुम-वाणउ
धत्ता
जेत्थु कुमारि कुंति वसइ तित्थु पइट्ट दिछु कुरु-सामिउ । मयण-सरासणि-सल्लियए सो गंधव्व-विवाहें कामिउ ॥ ११
[९] तहिं अट्ठारह दियह मणोहरि रमिय कण्ण रिउवंती चप्परि . अंतर-वत्तिणि जाय पहाणी जाणइ घाइ पंडु पर राणी गय णव मास ण केण वि णाइय गुत्ति-भवणे पच्छण्ण वियाइय कुंडल-कवय-सरासण-भूसहिं
सिसु संकामिउ रयण-मंजूसहिं ४ घत्तिय कालिंदिहे अभंतरे लग्गु गंपि तहिं चंपा-पुरवरे रवि-पज्जाय-णामु तहिं राणउ राहा-णाहु सुरिंद-समाणउ ___ 8 3b_Bh. H. विणिग्गह, J.. विपिग्गइ.
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