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________________ चउद्दमो संधि घत्ता णइगम-देवें सत्त णिय जे तहे पढम पुत्त उप्पण्णा ॥ घोर-वीर तव-तत्त-तणु गय मोक्खहो जिण-गुण-संपण्णा ॥ ८ [४] पुणु अट्टमउ पुत्तु उप्पण्णउ सयल कला-कलाव-संपुण्णउ पडु पंडिउ पयंडु बलवंतर अच्छइ साक्य-वय-पालंतउ एक्कहि वासरे अखलिय-दप्पहो . सेव-णिमित्तु पासु गउ वप्पहो राउलु दिट्ट ताम विच्छायउ पिचल-णिहुय-णिरुधिय-बायउ ४ दउवारिएण कुमारहो अक्विउ कोउहल्लु पई काई ण लक्खिउ एक्कु वि रज-कज्जु ण पयट्टइ विरहावत्त पर्रिदहो वट्टइ चंदणु चंदु जलद ण भावइ कमल-सेज कप्पूर वि तावइ घत्ता परवइ कीलर कहि-मि गउ कामामेल्लिय भल्लि जिह जोयणगंध कावि तहिं दिट्ठी । अच्छइ अज्जवि हियइ पइट्टी ॥ ८ गिरि-सुय का-वि को वि वसु-राणउ जोवणगंध ताहं उप्पण्णी मग्गिय हथिणाय-पुर-राएं णंदणु जहिं गंगेउ पवत्तइ तं णिसुणेवि संजोत्तिय-संदणु जहिं सा अच्छइ सुव वसुरायहो वुच्चइ जोयणगंधा-जणएं होएवउ कुरुजंगल-णाहें णाइ करेणु करेणु-समाणउ लड(?)-लायण्ण-रूव-संपण्णी लहेवि ण सक्किय तुज्झ पसाएं तहिं महु घीय सु होहु(?) ण संतइ ४ गउ तुरंतु भाईरहि-णंदणु मग्गिय तेण कण्ण णिय-तायहो जिहं पई जिहं तउ-तणएं तणएं तहिं महु कारणु कवणु विवाहें ८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001427
Book TitleRitthnemichariyam Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1993
Total Pages220
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size9 MB
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