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तुहुं जोयहि जमलाजमल दोवि विवाtिs राएं भीमसेणु मणे मच्छरग्गि पज्जलइ तो- वि पभणइ दूसासण किउ अजुत्त उत्थलइ जइ तो धरिउ केण
रक्खेज्जहि तं अप्पणउ हत्थु
वार वरिसई संदु हउं
तर्हि जि काले दक्खवमि तउ
तो करु उब्भिउ दूसासणेण भिड एवहि किं कालंतरेण छल छंडेवि लग्गउ सामि कज्जे वोल्लिज्जइ जं निव्वहइ वक्कु सो हउं दूसासणु एह वाहु तुहुं सो जि विओयरु चंडु चंडु तो कुच्धु अणक्खहिँ भीमसेणु जोइंगणु गज्जइ दिणयरासु
केत्तिउ गज्जहो संढ जिह गय-गंडीवेहिं जज्जरिय
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रिट्ठमिचरिउ
भीमज्जुण कलहहुं अम्ह वे-वि णं तिकखंकुसेण महाकरेणु किं सक्कइ परिहर सहेवि कोवि
मज्जायए अच्छइ धम्म- पुत्ल केसग्गहु किउ दोवइहे जेण तोडमि तइयह ज (इ) इह समत्थु
घत्ता
दूसासण एवहिँ करि छलई । कडुबई के सग्गह- दुम-फलई ॥
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घत्ता
वारह संच्छर गमिय केण पाविज्जइ अवसर अवसरेण चारहडि तुहारी एत्तिय ज्जे को अंतरे जइ विहि मरइ एक्कु ४ पंचालिहे इहु सो केस-गाहु उम्पादहि तो विण बाहु-दंडु सीहागमे गज्जव जिह करेणु विष्फुरइ किहासंघिय जयासु
रह - रहिय - महागय- घोडएहि । कंसह दिवसहि थोडएहि ||
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