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तेवीसमो संघि
धत्ता पारद्ध जूउ किर एंति सउणिहे पासा चिंतिया । हुंकारें भीमहो जात, णाई महा-गह मंतिया ॥
[१२] तेत्थहो भीमसेणु णीसारित णाई जुहिट्ठिल-जसु णीसारिउ दुट्ठ-सहावे अलझ्य-णामें पाडिय दुंदुहि सउणिय-णामें जूय-छलेण कलहु आढत्तउ पहिलउ हारि हारु हारंतउ पुणु कुंडलई दोरु चूडामणि कणय-समाणु लक्खु अक्खोहणि .. ४ कोसु असेसु असेस वि किंकर दोणिउ लोहिउ कुंडई कुप्पर - पुणु सयलालंकार-विसेसहं लक्खु समोड्डिउ उत्तम-वेस्हं कंचण कोडि विहूसिय गयवर सव्व सुवण्णे हिं चक्केहिं रहवर. : आजाणेय अणेय तुरंगम विणु पक्खेहिं पच्चवख विहंगम ८
पत्ता
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धणु धाणु सुवण्णउं देवि दुग्णय-वंग जणेराई । णं किणियई धम्म-सुएण सीसई कुरुवहं केराई ॥
[१३] विड धम्मपुत्त विणिवारिउ पई णंदंति कलहु हक्कारिउ पहु दुजोहणु जइयह जायउ गोमाउय-सद्देण जे णायउ जिह कुल-पलय-कालु उप्पणउ आयहो को-वि णाहि पडिवणउ तो-वि ण वुज्झहि वसणंतरियउ विस-जउहरई काई वीसरियउ कह-वि कह-वि रायत्तणु पत्तउ एहु पुरिसत्थु कवणु आढत्तउ जूउ अणत्य-मूलु कहो चंगउं दविण-हाणि परितप्पइ अंगउं सयण-विरोहु देस-णिद्राङणु उत्तम-वंस-महादुम-पाडणु वसणइं जंत जासु महिपालहो सो णिय-रज्जु ण पावइ कालहो
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