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तेवीसमो संघि
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कहिं जि दुट्ठ-सीहया ललंत-दीह-जीहया सिराणियग्ग-पुच्या महिं गया स-मुच्छया कहि जि. दंति दुद्दमा मयंद-छुद्ध-कद्दमा पलित्त-कुंभ-देसया हवंति णाम-सेसय। कहिं जि अच्छभल्लुया पडंति पेल्लिएल्लया कहिं जि भीम सूयरा कयग्गि-छार-भू(बू सरा कहिं जि पुंडरीयया कया विमुक्क-जीयया कहि जि भूय-रक्खसा पलायणेक्क-लालसा
पत्ता
तरु-तिणई भुवंग जेवंतें काले णाई
वणयर भूयई रक्खयई । सम्बई मंसई चक्खियइं ॥
तहिं अवसरे परिमुक्काकंदण मणुज-कुलक्खय फणिवइ-णंदण विणि सहोयर भाइ भुवंगम गिट्ठर-फुरिय-फणा-मणि-संगम एक्कु पलाइ पलिते सीसें वीयउ पुच्छे णर-सर-मीसें अद्दावलि-हय-सेण(?) पणट्ठा गंपिणु देवहं सरणु पइट्ठा अभउ देहि णाणा-विह-वाहणु धाइउ सरहसु सुरवर-साहणु उब्भिय-गंधवहुद्धय-धयवडु घणरव-घोरोरालिय-गय-घडु वाहिय-रहु उग्गामिय-पहरणु उप्परि णिवडइ णाई णहंगणु थाहु थाहु किं अच्छहो सेरा कुद्ध पाय सुर-रायहो केरा
घत्ता जिह वणे वइसाणरु दिण्णु भग्ग भुवंगम सरण-मण । तिह तुम्हहुं दुक्कउ कालु वलहो वल्हो लइ वे-वि जण ॥ ९
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