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________________ ६४ साहारु ण वंध वइरि-बलु तो जाउहाण- जम-गोउरहो एत राहेउ पुरंजयहो अंधार णहु करंतु सरेहि पत्येण वि पेसिय ताम सर हु छइउ महीयलु पूरियउ घत्ता अज्जुण-वाणेहि, पगुण- फणिद-समाणेहिं सत्र होंति ते खत्था रणे असमत्था कर-परिहथि पेक्खेवि णरहो एवड्डीवार परिक्खियउ किं सग्गहो सग्गाहिंउ चविउ किं दइवें दरिसिउ अप्पणउं किं माणुस वेसे आउ रवि रु भइ मज्झे हउं सोत्तियहं तं णिसुणेवि अंगराउ भणइ जो विष्पह पाण- विणउ घरइ रिमिचरिउ णं हरि-वले घुसलिउ उवहि-जलु + माहिउ भिडिउ विओयरहो चंपाहिउ भिडिउ घणंजयहो णं. वासारत पओहरेहिं ... किय कण्णहो जाम गिरत्थ कर दुज्जोहण - हियउ विसूरियड तो जउहरे दिण्ण हुवासणेण मदाहिउ तुलिउ विओयरेण Jain Education International [ १३ ] उप्पण्णु चोज्जु चंपेसरहो भणु वंमण कहिं धणु सिक्लियर किं णर- णिहेण धणुवेउ थिउ किं परसुरामु किं रहु-तगउ किं जउहरे अज्जुणु दइदु ण-वि णु कुलक्खर खत्तियहं जाहि जाहि को आहणइ वित्त सो हि हरइ तुम्ह कण्ण वाण किय णिप्पसर । जे काणणहं आण-कर 118. T [ १४ ] स- हिडिव -वगासुर-णासणेण गोवद्रणु जिहु दामोयरेण For Private & Personal Use Only ४ घत्ता एम भणेवि चंपावइ गउ जहि कुरुवइ थिउ मउलेपिणु लोयणई | अज्जुण- फलई होंतिं असेसई होंति दुलेसई कहो ण कण्ण-संकोयण ॥९ ८ ४ ८ www.jainelibrary.org
SR No.001427
Book TitleRitthnemichariyam Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1993
Total Pages220
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size9 MB
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