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रिट्ठणेमिचरिउ [६] अच्छइ रज्जु करंतु विलासे णउ भुंजइ कया-वि विणु मासे एक्कहिं दिवसे महाणस-सारे कहि-वि ण लव्दु मासु सूयारे माणुस-आमिसेण जेमाविउ तेण जि णवर णराहिउ भाविउ जणु भक्खणह लग्गु अइ-गाढउ जाब विणिग्गयाउ मुहे दाढउ तो-वि ण विउणु हवेप्पिणु थाणे लइ परमेसर मागह-माणे दिवसे दिवसे एक्केक्कउ वाहउ घरे धरे माणुस-महिस-सणाहउ णयरु मुएप्पिणु णरवर-सारा पुरवर-वाहिरे थाहि भडारा तं पडिवाणु तेण वियारे थिउ गिरि-गहणे समउ परिबारे ९
धत्ता परिवाडिए पट्टणु खंताहो महु धरे वारउ आइयउ । सुउ एक्कु जे पाणहं वल्लहउ तासु जे कालु पराइयउ ॥९॥
तो करुणायर-भावए होतिए अभउ अभउ वोल्लिज्जइ कोतिए अच्छउ तुम्हहं उ(?) परिवारउ परए जाउ तहिं पुत्तु महारउ पहु चिंताविउ आयए वायए णासिउ रज्ज-कज्जु महु मायए कहिवि विहाणु ढुक्कु सो अवसरु रहु संजोत्तिउ चडिउ विओयरु जिह जिह पुरवर-वाहिरे पावइ तिह तिह वीयउ रक्खसु णावइ सरहसु जाइ ण जोयइ पच्छए चरु भक्खणह लग्गु सई इच्छए रुक्खउ खिच्चु ण पावइ चोप्पडु दुक्खु दुक्खु तं गिलइ महा-भडु
घत्ता
गले लग्गइ भत्त ण पइसरइ भीम करेइ णिहालणउं । वग-रक्खसु ताम समावडिउ णाइ णवल्ल उ सालणउं ॥२॥
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