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रिट्टगेमिचरिउ
[२] सव्वई विक्कम-णय-संपण्णइं घरे जिणयासहो जाम णिसणई ताम समुट्ठिउ तहिं कूवारउ वारह-वरिसहं आयउ वारउ संदणु महिस-जुत्तु चरु वाहउ मुंडिय-सिरु माणुसेण स-णाहउ देवउ पई वणिउत्त विहाणए सव्व-लोय-पहु-तणियए आणए ४ एम भणेप्पिणु गउ पुर-वारिउ तो जिणयासे सुर हक्कारिउ अरुहयास जण-णयणाणंदण जिणहो ति-कालु करेज्जहि वंदण अण्णु-वि णिय-जणेरि पालेज्जहि जिणवइ जाणेवि कासु-वि देजहि एवमि एवमि आयउ मरणउं होहि कुटुंबहो अब्भुद्धरण
घत्ता
मई दिण्णु देहु वग-रक्खसहोः दुट्टहो दुग्गइ-गामियहो । धणु तुम्हहं जीविउ जमहो करे. हियवउ तिहुयण-सामियहो ॥९
..... .. [३] . .. . तो एत्यंतरे भणइ सयंपह णिम्मल-ससहर-कंति-समागह कोमल-कमल-समुज्जल-वयणी इंदीवर-दल-दीहर-णयणी दइय-विहूणए दुक्ख-णिवासए .. तियए. जियंतिए काइं गिरासए . जइ-त्रि सुन्दु णिउणउं परिसक्कइ तो-वि पिसुणु जोयणह' ण सक्कइ ४ जइ-वि सइत्तणु धुउ परिपालइ तो-वि लोउ भउहउ संचालइ वरि उप्पण्ण वेल्लि सहुं रुक्खें विहवत्तणु वोलीणु ण दुक्खे सुरहि फुल्लु तंबोलु विलेवणु हारु ङोरु णेउरु वर-कंकणु ताई पुत्त किं देणहं सक्कइ तेण तुहारउ वयणु ण थक्कइ । ८
घत्ता पालिज्जहि विण्णि-वि डिंभई पिय पीइ(ए) वड्डारियए । कल्लए वग-रक्खसु खाइ मई तुम्हहं सव्वहं वारियर ९
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