________________
P.
212
181
180
27
232
29
232
33
232
36
232
6
232
12
236
37
238 7
239
24
L.
13
18
238
239
236
232
233 4
233
20
232
12
232
25
232
18
240
12
207
24
209 7
Jain Education International
28
38
5
40
206 13
181
11
192
10
207
7
207
39
218
30
223
35
206
190
3
3
सूत्रकृताङ्गस्य गद्यरूपाणां सूत्राणामकारादिक्रमः
L.
अदुसरं चणं पुरिसविजयं...
ग्रह भिक्खू लू हे तीरट्ठी
ग्रह पुरिसे पुरत्थिमाम्रो
महावरं पुर० मन्मारोहजो
महावरं पुर०
कारोडो
महावरं पुर० परमारोहजो...
महावरं पुरवलायं गतिया...
"1
"
महावरं पुर० णाणा० ज० ल०... ग्रहावरं पुर० णाणा० जोणिया ...
अहावरं पुर० णाणा० तस० अगणि
कायत्ताए...
अहावरं पुर० णाणा० तस० तं सरीरगं
अहावरं पुर० णाणा तस० पुढवित्ताए०
सहावरं पुर० गाणा० मणु०
महावरं पुर पुवी...
अहावरं पुर० पुढवी०...
ग्रहावरं पुर० पुढची...
महावरं पु० जोएि...
महावरं पुर रक्खजोगिएहि..
महावरं पुर० ० ० ...
ग्रहावरं पुर० सव्वे पाणा...
अहावरे अट्ठमे किरियट्ठाणेअहावरे एक्कारसमे किरि०
ग्रहावरे चरत्वे समा० ...
महावरे उत् पु० उत्तराम्रो... महावरेचये पु० णियति.....
ग्रहावरे छट्ठे किरियठाणे...
महावरे नवमे किरिमाणे...
ग्रहावरे तच्चस्स ठाणस्स
अहावरे तच्चस्स ठाणस्स
महावरे सच्चे दंडसमादाणे...
महावरे तच्चे पु० ईसरकारणि...
P.
181
211
208
218
222
205
180
187
219
206
210
207
175
273
228
197
184
177
176
176
273
225
233 232
183
244
282
198
244
241
2
10
19
17
15
7
33
40
4
35
8
17
27
30
∞∞∞∞-2228
महावरे तच्चे पु० पचतिमाओ महावरे तेरसमे किरियट्ठाणे... ग्रहावरे दसने किरियठाणे...
अहावरे दोच्चस्स ठाणस्स
"
महावरे दोन्चे दंडसमादा० मणडावंड
وا
वत्तिएति
अहावरे दोच्ये पु० दक्षिणाओ..
अहावरे दोच्चे पु० पंचमहन्भूतिएत्ति
For Private & Personal Use Only
..
कुमारपुत्तिया ...
8 इज्वेतेहि बारसहि
ग्रहावरे पढमस्स ठाणस्स
महावरे पंचमे दंड० दिट्ठिविपरियासिया दंडे...
महावरे वारसमे किरिय०
महावरे सत्तमे किरिया...
महाह भगवं...
श्राउसो ! गोयमा प्रत्थि
इह खलु गारत्था सारंभा इह खलु पाईणं वा...
12
एत्थ विणिग्गंथे.. 23 एत्य वि भिक्खू
20
एत्थ विसमणे.
36
एवहं पच्चक्खंताणं - 26 एवमेव समणुगम्ममाणा .. 1 एवं तगजोषिएमु
42 एवं पुढनिजोगिएसु..
किट्टिए नाए समणाउसो
23 णो इट्ठे समट्ठे दह बहवे पाणा"
21
तत्थ आरेणं जे तसा पाणा
12 तत्व खलु भगवतीवनिकाया हेऊ...
26 तत्व खलु भगवया दुबे दिता...
39
तत्थ चोयए पन्नवगं...
www.jainelibrary.org