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________________ 385 L. उद्धृतः पाठः 9 सन्मार्गे तावदास्ते प्रभवति 25 समयावलियमुहुत्ता० 19 सम्भाव्यमानपापो 25 समुद्रवीचीव चलस्वभावाः 29 सयणस्सवि मज्झगो सर्वज्ञोऽसाविति 114 75 155 39 29 141 33 176 64 82 167 43 109 111 220 117 159 137 107 171 140 112 L. उद्धृतः पाठः 32 सीसमुरोयर पिट्ठी 28 सुचिरत रमुषित्वा 14 सुठ्ठ वि जियासु सुठ्ठ वि पियासु 31 सुस्सूसइ पडिपुच्छइ 31 सेणी गामो गोट्ठी० 19 सेयविया वि य एयरि 22 सो अत्थो वत्तव्वो० 6 सोउण तय उवठ्ठियं 14 सो एसो जस्स 25 सोलस रायसहस्सा 17 सो होई सातिजोगो 5 संयमे अणण्यफले 15 संसट्ठमसंसट्ठा 37 संसारादपलायनप्रतिभुवो 9 स्नानं मददर्पकरं 32 स्मितेन भावेन मदेन लज्जया 30 स्वकर्मणा युक्त एव । 26 स्वतोऽर्थाः सन्तु सत्तावत्सत्तया 38 स्वपरसत्ताव्युदासोपादानापाद्यं हि वस्तुनो वस्तुत्वम् 5 स्वपरसमयार्थसूचक 34 हतं मुष्टिभिराकाशं 36 हस्तस्पर्शादिवान्धेन [वाक्यपदीये] 33 हा मातम्रियत इति 32 हिंसामूलममेध्यमास्पदमलं 33 हृद्यन्यद्वाच्यन्यत्कर्मण्यन्यत् 10 हे जंव तं व पासीय 23 17 4 सर्वव्यक्तिषु नियतं क्षणे 34 सर्वस्मादनर्थ हेतु० 33 33 सर्व पश्यतु वा मा वा 170 29 26 सर्वाणि सत्त्वानि सुखे रतानि 152 2 सर्वाभावो यथाऽभीष्टो 8 सव्वणईणं जा होज्ज 250 सव्वत्थ संजमं संजमानो सव्वसमुद्दाण जलं 141 सव्वे वि य कालाई 35 21 सव्वेसि पि णयारणं० [आवश्यकनियुक्तौ] 178 28517" " " 147 4 सव्वो पुव्वकयाणं कम्मारणं 82 16 साकेय कोसला. 137 36 सामण्णमणुचरंतस्स 111 22 सामा गायति महुरं 6 सावज्जणवज्जाणं 16 सा बि भयवेविरंगी 18 सिसुवालो वि हु जुब्वरण 20 सीया णाइपगासा० 112 152 255 257 266 14 117 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001423
Book TitleAcharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1978
Total Pages764
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, agam_acharang, & agam_sutrakritang
File Size26 MB
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