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7 प्रणाहारो तुयट्टिज्जा
32 प्रणिच्चमावासमुर्विति
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प्राचाराङ्गसूत्रान्तर्गतानां गाथानामकारादिक्रमः
L सूत्रगाथा
38 श्रासीणेऽणेलिसं मरणं
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सूत्रगाथा
प्रवत्तियं प्रणाउट्टि
कसाई विगयी प
अच्चित्तं तु समासज्ज
अणन्नपरमं नाणी.
धगुपुष्येण विमोहाद
श्रदु कुचरा उवचरंति
श्रदु थावरा य तसत्ताए
श्रदु पोरिसिं तिरियं
अदुवा माहणं च...
प्रदु वायसा दिगिछत्ता
धप्पं तिरियं पेहाए
अप्पे जणे निवारेइ
अभिक्कमे पडिक्कमे
प्रयमंतरंसि को इत्थ ?
अयं चाययतरे सिया
श्रयं से अवरे धम्मे
श्रयं से उत्तमे धम्मे
अवरेण पुव्वि न सरंति एगे
अवि भाइ से महावीरे
अएि साहिए दुवे मासे -
अवि साहिए दुबे वाले
अवि सूइयं वा सुक्कं वा
श्रवि से हासमासज्ज
ग्रह दुच्चरलाढमचारि
अहाकडं न से सेवे
महासूर्य वदस्वामि
अहिवासए सपा समिए
आगंतारे आरामागारे
30 श्रयावइ य गिम्हाण
36 आलइयमालमउडो '
36 प्रवेस सभापवासु
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3 उवसंकमंतमपडिन्नं'
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इणमेव नावखंति
इमं तो पर दो वि
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इहलोश्याइं परलोइपाई
इ दिएहिं गिलायंतो "
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उच्चालइय निणिसु
उड्ढं सोया हे सोया
उर्दार च पास मूयं च
उम्च पास इह मच्चिएहि
उवेहमाणे कुसलेहि संवसे
एए देवनिकाया
एएहि मुणी सवणेहि
एगा हिरन्नकोडी'
एवाति पडिले
एयाणि तिन्नि पडिसवे.
एलिक्खए जणा भुज्जो'
एवं पि तत्व विहरता
एस विही अणुक्कंतो
एस विही प्रणुक्कंतो
एस बिट्टी अणुतो"
एस विही प्रक्कतो
प्रोमोयरियं चाएइ
कसाए पयण किच्चा
कोहाइमाणं हणिया य वीरे.......
गढिए मिटुकहा
गंडी हवा कोढा...
गंथं परिण्णाय इहज्ज ! धीरे......
गंधेहि विविहि
गामं पविसे नगरं वा
गामे वा अदुवा रणे
बतारि साहिए मासे' बरियासणाई सिज्जाओ
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