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विषय
स्थितिगचूलिका
मङ्गलाचरण
स्थितिग पदकी विभाषाकी सूचना
स्थितिग पदका अर्थ
समुत्कीर्तना
स्थितिप्राप्त द्रव्य चार प्रकारका है इसका निर्देश
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विषय
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३६६-४५१ | नपु ंसकवेदके उत्कृष्ट अग्रस्थितिप्राप्त आदि द्रव्यके स्वामित्वका निर्देश
जघन्य स्थितिप्राप्त द्रव्यके स्वामित्वके जाननेकी सूचना
सव कर्मों के जघन्य अग्रस्थितिप्राप्त द्रव्यके स्वामीका निर्देश
३६६
यह अधिकार भी चूलिका है इसका निर्देश ३६७ प्रकृतोपयोगी तीन अनुयोगद्वारोंका नामनिर्देश ३६७ तीनों अनुयोगद्वारोंका लक्षणनिर्देश
( १६ )
उत्कृष्ट स्थितिप्राप्त द्रव्यका स्वरूप कथन निषेकस्थितिप्राप्त द्रव्यका स्वरूपनिर्देश यथानिषेकस्थितिप्राप्त द्रव्यका स्वरूपनिर्देश उदयस्थितिप्राप्त द्रव्यका स्वरूपनिर्देश प्रत्येकके उत्कृष्टादि चार भेदोंका निर्देश स्वामित्व
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३६६
३६६
मिथ्यात्वके उत्कृष्ट श्रग्रस्थितिप्राप्त आदि द्रव्यके स्वामित्वका निर्देश
मिथ्यात्वके निषेकस्थितिप्राप्त और उदय३६७ स्थितिप्राप्त द्रव्यके स्वामीका निर्देश ४२४ ३६६-३७४ | मिथ्यात्वके यथानिषेकस्थितिप्राप्त द्रव्यके स्वामीका निर्देश सम्यक्त्वके यथानिषेकस्थितिप्राप्त द्रव्यके स्वामीको मिथ्यात्व के समान जाननेकी सूचना, साथ ही कुछ विशेषताका निर्देश सम्यक्त्वके निषेकस्थितिप्राप्त और उदयस्थितिप्राप्त द्रव्यके जघन्य स्वामीका निर्देश सम्यग्मिथ्यात्व के यथानिषेकस्थितिप्राप्त
४३५
३६७
३६८
३७०
३०१
३७२
३७३
३७४-४४५
३७४
४००
सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्वके उत्कृष्ट ग्रस्थितिप्राप्त श्रादि द्रव्यके स्वामित्वका निर्देश श्रनन्तानुवन्धीचतुष्क, आठ कषाय और छह नोकषायोंका भङ्ग मिथ्यात्व के समान जाननेकी सूचना
४०३
४०३
आठ कषायोंके उत्कृष्ट उदयस्थितिप्राप्त द्रव्यके स्वामित्वमें विशेषताका निर्देश छह नोकषायोंके उत्कृष्ट उदयस्थितिप्राप्त द्रव्य के स्वामित्व विशेषताका निर्देश क्रोधसंज्वलन के उत्कृष्ट अग्रस्थितिप्राप्त आदि द्रव्यके स्वामित्वका निर्देश संज्वलनमान, माया और लोभके विषयमें संज्वलन क्रोधके समान जाननेकी सूचना ४१६ पुरुषवेदके चारों स्थितिप्राप्त द्रव्यके उत्कृष्ट स्वामित्वका निर्देश स्त्रीवेदके उत्कृष्ट ग्रस्थितिप्राप्त श्रादि द्रव्यके स्वामित्वका निर्देश
४०५
४२०
४०४
४२०
४२३
४२३
४२४
अल्पबहुत्व
सब कर्मोंके चारों उत्कृष्ट स्थितिप्राप्तोंके पबहुत्वका निर्देश
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४३०
४३७
द्रव्यका स्वामी सम्यक्त्वके समान है इसका अपनी विशेषता के साथ निर्देश सम्यग्मिथ्यात्व के निषेक और उदयस्थितिप्राप्त द्रव्यके जघन्य स्वामीका निर्देश अनन्तानुबन्धियोंके निषेक और यथानिषेकस्थितिप्राप्त द्रव्य के जघन्य स्वामीका निर्देश ४६८ अनन्तानुबन्धियोंके उदयस्थितिप्राप्त द्रव्यके जघन्य स्वामीका निर्देश
४३६
४३८
बारह कषायोंके निषेक और उदयस्थितिप्राप्त द्रव्यके जघन्य स्वामीका निर्देश बारह कषायों के यथानिषेकस्थितिप्राप्त द्रव्यके जघन्य स्वामीका निर्देश पुरुषवेद, हास्य, रति, भय और जुगुप्सा के विषय
में बारह कषायोंके समान जाननेकी सूचना ४४४ स्त्रीवेद, नपु ंसकवेद, अरति और शोकके यथानिषेकस्थितिप्राप्त आदि द्रव्यके जघन्य स्वामीका निर्देश
४४०
४४२
४४२
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