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________________ ३१२ जयधवलासहिदे कसायपाहुडे [पदेसविहत्ती ५ अवणिदसेसं चरिम-दुचरिमफालिपमाणं होदि । संपहि अवणेदुण पुध विदतिचरिमफालिं दुचरिमफालिपमाणेण कस्सामो। तं जहां-रूवणअधापवत्तमेत्ततिचरिमफालीणं जदि अधापवत्त मेत्तदुचरिमफालीओ लब्भंति तो सेढोए असंखे०भागगेत्ततिचरिमफालीणं केत्तियाओ दुचरिमफालीको लभामो त्ति पमाणेण फलगुणिदिच्छाए ओवट्टिदाए दुचरिमपमाणं होदि ५। $३५१. संपहि तिचरिमफालीओ चरिमफालिपमाणेण कस्सामो । तं जहारूवूणअधापवत्तभागहारवग्गमेत्ततिचरिमाणं जदि अधापवत्तभागहारमेत्तचरिमफालीओ लभंति तो सेढीए असंखे भागमेत्ततिचरिमफालीणं केत्तियाओ चरिमफालीओ लभामो त्ति पमाणेण फलगुणिदिच्छाए ओवट्टिदाए चरिमफालीओ लभंति ६ । $३५२. संपहि तिचरिमफालीओ चरिम-दुचरिमपमाणण कस्सामो। तं जहारूवूणअधापवत्तमत्त तिचरिमाणं जदि एगं चरिम-दुचरिमपमाणं लब्भदि तो सेढीए स्थापित त्रिरचम फालिको द्विचरम फालिके प्रमाणरूपसे करते हैं। यथा-एक कम अधःप्रवृत्तभागहारप्रमाण त्रिचरम फालियोंमें यदि अधःप्रवृत्तभागहारप्रमाण द्विचरम फालियां प्राप्त होती है तो जगणिके असंख्यातवें भागप्रमाण त्रिचरम फालियोंमें कितनी द्विचरम फालियां प्राप्त होंगी, इस प्रकार फलराशिसे गुणित इच्छाराशिमें प्रमाणराशिका भाग देनेपर द्विचरम फालियोंका प्रमाण प्राप्त होता है ५। उदाहरण-आवलिकी संदृष्टि ८; अधःप्रवृत्त ९; सकलप्रक्षेप ४३०४६७२१९ - तीन समय कम आवली ८-३=५६ भागहार; ४३०४६७२१-६%२३९१४८४५; तीन समय कम एक आवलीमें गलनेवाला द्रव्य २३९१४८४५; तीन चरम समयोंका द्रव्य ४३०४६७२१ - २३९१४८४५= १९१३१८७६, त्रिचरम समयका द्रव्य १९१३१८७६ +९= २१२५७६४, द्वि चरम और चरम समयका द्रव्य १९१३१८७६-२१२५७६४%१७००६११२, द्विचरम समयका द्रव्य १७००६११२९-१८८९५६८, यदि ९-१-८ त्रिचरम समय २१२५७६४ के ९ द्विचरम समय १८८९५६८ प्राप्त होते हैं तो ३६४२१२५७६४ के ३६४८ द्विचरम समय प्राप्त होंगे अर्थात ३२ द्विचरम समय प्राप्त होंगे। ३५१. अब त्रिचरम फालियोंको चरम फालियोंके प्रमाण रूपसे करते हैं। यथा-एक कम अधःप्रवृत्त भागहारके वर्गप्रमाण त्रिचरम फालियों में यदि अधःप्रवृत्तभागहार प्रमाण अन्तिम फालियां प्राप्त होती हैं तो जगणिके असंख्यातवें भागप्रमाण त्रिचरम फालियोंमें कितनी चरम फालियों प्राप्त होंगी इस प्रकार त्रैराशिक करके फलराशिसे गुणित इच्छाराशिमें प्रमाणराशिका भाग देने पर चरम फालियां प्राप्त होती हैं ६। उदाहरण-चरम फालिका द्रव्य १७००६११२–१८८९५६८%D१५११६५४४; एक कम अधःप्रवृत्त भागहारका वर्ग ( ९-१)=६४, यदि ६४ त्रिचरम फालि २१२५७६४ की ९ चरमफालि १५११६५४४ प्राप्त होती हैं तो जगश्रोणिके असंख्यातवें भाग ३६ त्रिचरम फालिकी २१चरम फालि प्राप्त होंगी। ६३५२. अब त्रिचरम फालियोंको चरम और द्विचरम फालियोंके प्रमाणरूपसे करते हैं । यथा-एक कम अधःप्रवृत्तभागहारप्रमाण त्रिचरम फालियोंमें यदि एक चरम और द्विचरम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001412
Book TitleKasaypahudam Part 06
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year1958
Total Pages404
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size11 MB
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