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________________ उत्तरपय डिपदेसविहत्तीए सामित्तं ३१३ गा० २२] असंखे० भागमेत्ततिचरिमाणं किं लभामो त्ति पमाणेण फलगुणिदिच्छाए ओवट्टिदाए चरम दुरिमफालीणं पमाणं लब्भदि ७ । ६ ३५३. संपहि दुचरिमफालीए विरलणमेततिचरिमफालीस सोहिदासु सुद्ध से सं तिचरिमफालिविसेसो' । संपहि इमे विसेसे तिचरिमफालिपमाणेण कस्सामो । तं जहाअधापवत्तमेत्ततिचरिमविसेसाणं जदि एगा तिचरिमफाली लब्भदि तो सेढीए असंखे० भागमेत्ततिचरिमफालिविसेसाणं किं लभामो ति पमाणेण फलगुणिदिच्छाए ओट्टिदा तिचरिमफालीओ लब्भंति ८ । 1 $ ३५४. संपहि तिचरिमफा लिविसेसे दुचरिमफालिपमाणेण कस्सामो । तं जहा - रूवूणअधापवत्तमेत्ततिचरिमफालिविसेसाणं जदि एगा दुचरिमफाली लब्भदि तो सेढीए असंखे ० भागमे ततिचरिमफालिविसेसाणं किं लभामो त्ति पमाणेण फलगुणिदिच्छाए ओट्टिदाए दुरिमफालीओ लब्भंति ९ । फालि प्राप्त होती है तो जगश्र णिके असंख्यातवें भागप्रमाण त्रिचरम फालियों में कितनी चरम और द्विचरम फालियाँ प्राप्त होंगी, इस प्रकार त्रैराशिक करके फलराशिसे गुणित इच्छाराशिमें प्रमाणराशिका भाग देने पर चरम और द्विचरम फालियोंका प्रमाण प्राप्त होता है ७ । उदाहरण - यदि एक कम अधःप्रवृत्त भागहार ( ९ - १ ) - ८; त्रिचरम फालि २१२५७६४; ८x२१२५७६४ की एक चरम और द्विचरम फालि १७००६११२ प्राप्त होती हैं तो ३६×२१२५७६४ क' X १७००६११२ अर्थात् ४३ चरम और द्विचरम फालि प्राप्त होंगी । ९ ३५३. अब विरलनमात्र त्रिचरम फालियोंमेंसे द्विचरम फालिके घटा देने पर जो शेष रहे उतना त्रिचरम फालिविशेष प्राप्त होता है । अब इन विशेषोंको त्रिचरम फालिके प्रमाणरूप से करते हैं । यथा - अधः प्रवृत्तभागहारप्रमाण त्रिचरम फालिविशेषोंमें यदि एक त्रिचरम फालि प्राप्त होती है तो जगश्रेणिके श्रसंख्यातवें भागप्रमाण त्रिचरम फालि विशेषों में कितनी त्रिचरम फालियां प्राप्त होंगी, इस प्रकार त्रैराशिक करके फलराशिसे गुणित इच्छाराशि में प्रमाणराशिका भाग देने पर त्रिचरम फालियां प्राप्त होती हैं ८ । उदाहरण - त्रिचरम फालिविशेष २१२५७६४-१८८९५६८ = २३६१९६ । यदि ९x २३६१९६ की एक त्रिचरम फालि २१२५७६४ प्राप्त होती है तो ३६x२३६१९६ की x २१२५७६४ अर्थात् ४ त्रिचरम फालि प्राप्त होंगी । ९ ३५४. अव त्रिचरम फालि विशेषोंको द्विचरम फालियोंके प्रमाणरूपसे करते हैं । यथा - एक कम अधःप्रवृत्त भागद्दार प्रमाण त्रिचरम फालिविशेषोंमें यदि एक द्विचरम फालि प्राप्त होती है तो जगश्रेणिके असंख्यातवें भागप्रमाण त्रिचरम फालिविशेषों में कितनी द्विचरम फालियां प्राप्त होंगी, इस प्रकार फलराशिसे गुणित इच्छाराशि में प्रमाणराशिका भाग देने पर द्विचरम फालियोंका प्रमाण प्राप्त होता है ९ । उदाहरण - एक कम अधःप्रवृत्तभागहार (६- १) ८; त्रिचरमफालिविशेषों ८४२३६१९६ की एक द्विचरम फालि १८८९५६८ प्राप्त होती है तो ३६x२३६१९६ की ६ x १८८९५६८ अर्थात् ४३ द्विचरम फालि प्राप्त होंगी । १. श्र०प्रतौ 'सोहिदासु सुद्ध सेसं तिचरिमफालिविसेसा' आ० प्रतौ सोहिदाए सुसेसे तिचरिमफालिविसेसो' इति पाठः । ४० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001412
Book TitleKasaypahudam Part 06
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year1958
Total Pages404
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size11 MB
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