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जयधवला सहिदे कसायपाहुडे
[ पदेसविहत्ती ५
असं० भागमेत्तविसेसाणं केत्तियाओ लभामो त्ति पमाणेण फलगुणिदिच्छाए ओट्टिदाए रूवूणअधापवतेण खंडिदसेढीए असंखे० भागमेत्ताओ विदियफालीओ लब्भंति १२ ।
६ ३४१. संपहि सेढी असंखे० भागमेत्तसयलपक्खेवेसु पढम - विदिय फालीए अवणेण पुणो अवणिदसेसं विदियफालिपमाणेण कस्सामो। तं जहा — एगसेसपमाणम्मि जदि रूवूणअधापवत्तमेत्तविदियफ लीओ लब्भंति तो सेढीए असंखे ०भागमेत साणं केचियाओ विदियफालीओ लभामो त्ति पमाणेण फलगुणिदिच्छाए ओट्टदा सेढी असंखे ० भागमेत्ताओ विदियफालीओ होंति १३ ।
$ ३४२. संपहि तं चैव विदियसेसपमाणेण कस्साभो । तं जहा - अधापवत्तभागहारमेत्तसेसाणं जदि रूवूणअधापवत्तमे त्तविदियसेस प्रमाणं लब्भदि तो सेढीए असंखे ० भागमेत्तसे साणं किं लभामो त्ति पमाणेण फलगुणिदिच्छाए ओवट्टिदाए अधापवत्तेण सेढीए असंखे० भागे खंडिदे तत्थेगखंडं रूवूणअधापवत्तेण गुणिदमेत्तं होदि १४ ।
भागप्रमाण विशेषोंकी कितनी द्वितीय फालियाँ प्राप्त होंगी इस प्रकार फलराशिसे गुणित इच्छाराशि में प्रमाणराशिका भाग देने पर एक कम अधःप्रवृत्त भागहारसे भाजित जगश्रेणिके असंख्यातवें भागप्रमाण द्वितीय फालियाँ प्राप्त होंगी ।
उदाहरण -- एक कम अधःप्रवृत्तभागहार ९ - १ = ८; विशेष = ५३१४४१; यदि ८x ५३१४४१ = द्वितीयफालि ४२५१५२८ जगश्रेणिका अ० भा० ३६५३१४४१ = द्वितीय फालियाँ |
६ ३४१. अब जगश्रेणिके असंख्यातवें भागप्रमाण सकल प्रक्षेपोंमेंसे प्रथम और द्वितीय फालियों को घटाकर फिर जो शेष रहे उसे दूसरी फालिके प्रमाणरूपसे करते हैं । यथा - एक बार शेष रहे प्रमाण में यदि एक कम अधःप्रवृत्त भागहारप्रमाण दूसरी फालियाँ प्राप्त होती हैं जगश्रेणिके असंख्यातवें भागप्रमाण शेषों में कितनी दूसरी फालियाँ प्राप्त होंगी इस प्रकार फलराशिसे गुणित इच्छाराशिमें प्रमाणराशिका भाग देने पर एक कम अधःप्रवृत्त भागहार से गुणित जग णिके असंख्यातवें भागप्रमाण दूसरी फालियाँ प्राप्त होती हैं १२ |
उदाहरण -- सकल प्रक्ष प ४३०४६७२१; प्रथमफालि ४७८२९६९; द्वितीयफालि ४२५१४२८; ४३०४६७२१ – ( ४७८२९६९ + ४२५१५२८ ) = ३४०१२२२४; यदि ३४०१२२२४=८X ४१५१५२८ द्वितीयफालि तो जगश्रेणिका असंख्यातवाँ भाग ३६४३४०१२२२४-३६x८ द्वितीय फालियाँ |
§ ३४२. अब उसीको द्वितीय शेषके प्रमाणरूपसे करते हैं । यथा--अधःप्रवृत्तभागहारप्रमाण शेषोंके यदि एक कम अधःप्रवृत्तभागहारप्रमाण द्वितीय शेष प्राप्त होते हैं तो जगश्रेणिके असंख्यातवें भागप्रमाण शेषोंके कितने द्वितीय शेष प्राप्त होंगे इस प्रकार फलराशिसे गुणित इच्छाराशिमें प्रमाणराशिका भाग देने पर अधःप्रवृत्तभागहार से जगश्रेणिके असंख्यातवें भागको भाजित करके वहाँ जो एक भाग प्राप्त हो उसे एक कम अधःप्रवृत्तभागहार से गुणित करने पर जो लब्ध आवे उतने द्वितीय शेष होंगे १४ ।
उदाहरण - पूर्वोक्त शेष ३४०१२२२४; सकलप्रक्षेप ४३०४६७२१- प्रथमफालि ४७८२९६९ = ३८२६३७५२ द्वितीय शेषः यदि ९४३४०१२२२४ = ८४३८२६३७५२ तो ३६x
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