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मिथ्यात्व ९५-५७ स्थानहानिप्ररूपणा
१३७–१३९ बारह कषाय और नौ नोकषाय
मिथ्यात्वकी कितनी वृद्धियां और कितनी सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्व ९४-१०२ हानियां होती हैं इसका निर्देश १४०-१४१ अनन्तानुबन्धी चतुष्क
१०२ | शेष कर्मोकी वृद्धियां और हानियां १४१-१५१ उच्चारणाके अनुसार अल्पबहुत्व १०२-१०५ | उच्चारणाके अनुसार समुत्कीर्तना १५१-१६० पदनिक्षेपके ३ अनुयोगद्वार १०५-११७ " , स्वामित्व १६०-१६३ प्रतिज्ञा
१०५ एक जोवकी अपेक्षा काल १६४-१९० तीन अनुयोगद्वारों के नाम १०५-१०६ मिथ्यात्व
१६४-१६९ उच्चारणाके अनुसार समुत्कीर्तना १०६ महाबन्ध और कषायप्राभृतमें उत्कृष्ट १०६ मतभेदका निर्देश
१६५ जघन्य
शेष कर्म
१६५ उच्चारणाके अनुसार स्वामित्व १०७-११०
उच्चारणाके अनुसार काल १६९-१९० उत्कृष्ट
१०७-१०९
एक जीवकी अपेक्षा अन्तर १९१-२२१ जघन्य १८९-११० | मिथ्यात्व
१९१-१९४ उत्कृष्ट अल्पबहुत्व
११०-११६ शेष कर्म
१९४ मिथ्यात्व ११०-१११ उच्चारणाके अनुसार अन्तर
१९४-२२१ सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्वके
, भंगविचय २२२-२२३ अतिरिक्त शेष कर्म
भागाभाग २२७-२२८ नपुंसकवेद, अरति, शोक, भय
परिमाण २२८-२३० और जुगुप्सा
१११-११२
, क्षेत्र
२३१ सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्व ११२-११३
२३२-२५० उच्चारणाके अनुसार उत्कृष्ट
, काल २५१-२६० अल्पबहुत्व
११३-११६
, अन्तर २६०-२७४ जघन्य अल्पबहुत्व ११६-११७
२७४ उच्चारणाके अनुसार जघन्य
अल्पबहुत्व
२७४-३१९ अल्पबहुत्व ११६-११७ मिथ्यात्व
२७४-२८८ वृद्धिके १३ अनुयोगद्वार ११७-३१९
बारह कषाय और नौ नोकषाय २८८-२८९ प्रतिज्ञा
सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्व ११७
२८९-३०२ वृद्धिके दो भेद और उनका विचार ११८-१३९
अनन्तानुबन्धीचतुष्क
३०२-३०३ स्वस्थानवृद्धि
११८-१२०
उच्चारणाके अनुसार अल्पबहुत्व ३०३-३१९ परस्थानवृद्धि
१२१
स्थितिसत्कर्मस्थान ३१९-३३६ स्वस्थानवृद्धिकी निरन्तर वृद्धिका
स्थितिसत्कर्मस्थानोंके दो अधिकार ३१९ कथन १२१-१३४ प्ररूपणा
३१९-३२९ परस्थानवृद्धि १३५-१३७ अल्पबहुत्व
३२९-३३६
१११
, स्पर्शन
" भाव
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