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________________ विषय-सूची भुजगार आदि अर्थपद कहने की प्रतिज्ञा १ | अनन्तानुबन्धीके अवक्तव्यका काल सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्व के भुजगार आदिका काल पद शब्दका अर्थ भुजगारविभक्तिका अर्थपद अल्पतरविभक्तिका अर्थ पद अवस्थितविभक्तिका अर्थपद अवक्तव्यविभक्तिका अर्थपद उच्चारणाके अनुसार कालका विचार एक जीवकी अपेक्षा अन्तर मिथ्यात्व शेष कर्म उच्चारणाके अनुसार अन्तर नाना जीवोंकी अपेक्षा भंगविचय मिथ्यात्व, सोलह कषाय और नौ नोकषाय सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्व उच्चारणाके अनुसार भंगविचय उच्चारणाके अनुसार भागाभाग उच्चारणाके अनुसार परिमाण उच्चारणाके अनुसार क्षेत्र उच्चारणाके अनुसार स्पर्शन भुजगारके १३ अनुयोगद्वार समुत्कीर्तना स्वामित्व मिथ्यात्व सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्व शेष कर्म उच्चारणाके अनुसार स्वामित्व सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्वके विषय में दो उच्चारणाओंके मतोंका निर्देश एक जीवकी अपेक्षा काल मिथ्यात्व भुजगारविभक्तिके चार समय भिन्न-भिन्न स्थितिबन्धके कारणभूत संक्लेशपरिणामोंका २ Jain Education International ३ ३-१०५ ४-५ ६-१४ ទ ७-९ ९-१० १०-१४ १२-२३ १४-४२ १४-२० १५ १६-१७ १७-१८ अनन्तानुबन्धीका अवक्तव्यकाल उच्चारणा के अनुसार काल नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तर सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्व शेष कर्म २०-२३ | अनन्तानुबन्धीके अवक्तव्यका अन्तर उच्चारणाके अनुसार अन्तर उच्चारणाके अनुसार भाव सन्निकर्ष विचार स्थितिबन्धाध्यवसानस्थानोंके परिणमनकालका विचार सोलह कषाय और नौ नोकषाय सोलह कषायोंके भुजगारके १९ समयोंका विचार नोकषायोंके भुजगारके १७ समयोंका विचार स्त्री वेद आदिके अवस्थितका अन्तर्मुहूर्त काल कहाँ किस प्रकार प्राप्त होता है इसका विचार २३-२३ अल्पबहुत्व नाना जीवों की अपेक्षा काल सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्व शेष कर्म २०-२१ २१ मिथ्यात्वकी मुख्यता से शेषके विषयमें जाननेकी सूचना व उसका व्याख्यान For Private & Personal Use Only २३-२४ २४-२६ २६-४२ ४२-५० ४२-४३ ५३ ४३-५० ५०-५५ ५०-५१ ५१ ५१-५५ ५५-५७ ५७-५९ १५९-६० ६०-६६ ६७–७३ ६७-६८ ६८ ६८-६९ ६९-७३ ७४-८२ ७४-७७ ७७ ७७ ७८-८२ ८२-८३ ८३-९५ ८३-८४ ८४-९५ ९५-१०५ www.jainelibrary.org
SR No.001410
Book TitleKasaypahudam Part 04
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year1956
Total Pages376
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size10 MB
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