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________________ ( ६ ) सहारनपुरके स्व० लाला जम्बूप्रसादजीके सुपुत्र रायसाहिब लाला प्रद्युम्नकुमारजीने अपने जिनमन्दिरजीकी श्री जयधवलाजीकी प्रति मिलानके लिये प्रदान की। श्री स्याद्वाद महाविद्यालय काशी कलङ्क सरस्वती भवन के ग्रन्थों का उपयोग विद्यालयके व्यवस्थापकों के सौजन्य से जयधवला के सम्पादन हो सका है। तथा जैन सिद्धान्त भवन आराके पुस्तकाध्यक्ष श्री पं० नेमिचन्दजी ज्योतिषाचार्य के सौहार्द से भवनसे सिद्धान्त ग्रन्थोंकी प्रतियां आदि प्राप्त होती रहती हैं, अतः उक्त सभी सज्जनों का भी मैं आभारी हूँ । नया संसार प्रेसके व्यवस्थापक पं० शिवनारायणजी उपाध्याय तथा उनके कर्मचारी भी धन्यवादके पात्र हैं जिन्होंने इस ग्रंथके मुद्रण में पूर्ण सहयोग दिया । जयधवला कार्यालय भदैनी, काशी भाद्रपद कृष्णा १ वी० नि० सं० २४८१ Jain Education International } For Private & Personal Use Only कैलाशचन्द्र शास्त्री मंत्री साहित्य विभाग भा० दि० जैनसंघ www.jainelibrary.org
SR No.001409
Book TitleKasaypahudam Part 03
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year
Total Pages564
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size15 MB
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