________________
१४०
जयधवलासहिदे कसायपाहुडे [विदिविहत्ती २५५. अवगद० असंखे०भागहाणी कस्स ? अण्णदरस्स उवसामयस्स खवयस्स वा । संखे भागहाणी संखे०गुणहाणी खवगस्स । आभिणि-सुद०ओहि० तिण्णि हाणीओ कस्स ? अण्णद० सम्मादिहिस्स । असंखे०गुणहाणी कस्स ? अणियट्टिक्खवयस्स । एवं मणपज०-[ संजद-] समाइय-च्छेदो-ओहिदंस०सम्माइहि त्ति ।
२५६. परिहार० असंखेज्जभागहाणि-संखेज्जभागहाणीओ कस्स ? अण्ण। णवरि संखेज्जभागहाणी अणंताणुबंधिविसंजोए तस्स दंसणतियक्रववेतस्स वा । एवं संजदासंजद० । सुहुमसांपरा० असंखेज भागहाणी संखेभागहाणी संखेगुणहाणी कस्स ? अण्णदरस्स ।
$ २५७. सुक्कले० तिणि हाणीओ कस्स ? सम्मादिहि मिच्छादिहिस्स वो । असंखे०गुणहाणी कस्स ? अणियट्टिखवयस्स । खइय० असंखेजभागहाणी कस्स ? अण्णद० । संखे०भागहाणी कस्स ? उवसामयस्स खवयस्स वा । संखेज्जगुणहाणी कस्स ? खवयस्स । असंखेज्जगुणहाणी कस्स ? ओघं ।
२५८. उपसम० असंखेज्जभागहाणी कस्स ? अण्णद। संखेज्जभागहाणी कस्स ? अण्णद अणंताणुबंधि० विसंजोएंतस्स कसायोवसामगस्स वा ।
६२५५. अपातवेदियोंमें असंख्यात भागहानि किसके होती है ? किसी भी उपशामक या क्षपक जीवके होती है। तथा संख्यात भागहानि और संख्यातगुणहानि क्षपक जीवके होती है। आभिनिबोधिकज्ञानी, श्रुतज्ञानी और अवधिज्ञानी जीवोंमें तीन हानियाँ किसके होती हैं ? किसी भी सम्यग्दृष्टि जीवके होती हैं। असंख्यात गुणहानि किसके होती है ? अनिवृत्तिकरण क्षपकके होती है । इसी प्रकार मनःपर्ययज्ञानी, संयत सामायिकसंयत, छेदोपस्थापनासंयत, अवधिदर्शनवाले और सम्यग्दृष्टि जीवोंके जानना चाहिये।
-२५६. परिहारविशुद्धिसंयतोंमें असंख्यात भागहानि और संख्यात भागहानि किसके होती है। किसी भी जीवके होती है । परन्तु इतनी विशेषता है कि संख्यात भागहानि अनन्तानुबन्धी चतुष्ककी विसंयोजना करनेवाले जीवके या तीन दर्शनमोहनीयकी क्षपणा करनेवाले जीवके होती है। इसी प्रकार संयतासंयत जीवोंके जानना चाहिये । सूक्ष्मसांपरायिक संयतोंमें असंख्यात भागहानि, संख्यातभागहानि और संख्यातगुणहानि किसके होती है ? किसी भी जीवके होती है।
२५७. शुक्ललेश्यावाले जीवोंमें तीन हानियां किसके होती हैं ? सम्यग्दृष्टि या मिथ्यादृष्टि जीवके होती हैं। असंख्यात गुणहानि किसके होती है ? अनिवृत्तिकरण क्षपकके होती है। क्षायिकसम्यग्दृष्टियोंमें असंख्यातभागहानि किसके होती है ? किसी भी जीवके होती है । संख्यात भागहानि किसके होती है ? उपशामक या क्षपक जीवके होती है। संख्यात गुणहानि किसके होती है ? क्षपकके होती है। असंख्यातगुणहानि किसके होती है ? इसका कथन ओघके समान है ? अर्थात् असंख्यातगुणहानि अनिवृत्तिकरण क्षपकके होती है।
६२५८. उपशमसम्यग्दृष्टियोंमें असंख्यातभागहानि किसके होती है ? किसी भी जीवके होती है। संख्यातभागहानि किसके होती है ? अनन्तानुबन्धीको विसंयोजना करनेवाले या
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org