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जयधवलासहिदे कसायपाहुडे [१ पेज्जदोसविहत्ती मूलगाहाए दो भासगाहाओ। ताओ कदमाओ? 'किट्टी कयम्मि कम्मेणामागोदाणि०' एस गाहा प्पहुडि जाव "किंट्टीकयम्मि कम्मे सादं सुह०' एस गाहे ति ताव दो भासाहाओ २। 'किट्टीकयम्मि कम्मे के बंधदि०' एदिस्से दसमीए मूलगाहाए पंच भासगाहाओ। ताओ कदमाओ ? 'दसैंसु च वस्सस्संतो बंधदि०' एस गाहा पहुडि जाव 'जसणाममुच्चगोदं वेदयदे०' एस गाहेति ताव पंच भागाहाओ ५ । 'किट्टीकयम्मि कम्मे के वीचारो दु मोहाणज्जस्स०'एदिस्से एक्कारसमीए मूलगाहाए भासगाहाओ णस्थि सुगमत्तादो । 'एक्कारस होति किट्टीए' त्ति गदं।
६१४३. चत्तारि अक्खवणाए' ति वयणादो किट्टीणं खवणाए चत्तारिमूलगाहाओ होति । तत्थ 'किं वेदंतो किट्टि खवेदि' एसा पढममूलगाहा । एदिस्से एका भासगाहा। सा कदमा ? 'पंढमं विदियं तदियं वेदंतो०' एसा एक्का चेय १। 'किं (जं) वेदेंतो किट्टि खवेदि' एदिस्से विदियमूलगाहाए एका भासगाहा । सा कदमा ? 'जं चावि संछुहंतो खवेदि किदि.' एसा एक्का चेय १। 'जं जं खैवेदि किट्टि' एदिस्से तदियमूलगाहाए दस भासगाहाओ । ताओ कदमाओ ? "बंधो व संकमो वा०' एस 'किट्टीकयम्मि कम्मे०' कृष्टिसम्बन्धी इस नौवीं मूलगाथाकी दो भाष्यगाथाएँ हैं। वे कौनसी हैं ? 'किट्टीकयम्मि कम्मे णामागोदाणि०' इस गाथासे लेकर 'किट्टीकयम्मि कम्मे सादं सुह०' इस गाथा तक दो भाष्यगाथाएं है। 'किट्टीकयम्मि कम्मे के बंधदि०' कृष्टि संबन्धी इस दसवीं मूल गाथाकी पांच भाप्यगाथाएं हैं। वे कौनसी हैं ? 'दससु च वस्सस्संतो बंधदि०' इस गाथासे लेकर 'जसणाममुच्चगोदं वेदयदे०' इस गाथा तक पांच भाष्यगाथाएं हैं। 'किट्टीकयम्मि कम्मे के वीचारो दु मोहणिज्जस्स० ' कृष्टिसंबन्धी इस ग्यारहवीं मूल गाथाकी भाष्यगाथाएं नहीं हैं, क्योंकि यह गाथा सुगम है। इस प्रकार 'एक्कारस होति किट्टीए' इस गाथांशका वर्णन समाप्त हुआ।
६१४३.'चत्तारि अ खवणाए' इस बचनके अनुसार बारह कृष्टियोंकी क्षपणामें चार मूल गाथाएं हैं। उनमें से 'किं वेदतो किट्टि खवेदि०' यह पहली मूल गाथा है। इसकी एक भाष्यगाथा है। वह कौनसी है ? 'पढमं विदियं तदियं वेदंतो०' यह एक ही भाष्यगाथा है। 'किं वेदतो किर्टि खवेदि०' कृष्टियोंकी क्षपणासंबन्धी इस दूसरी मूल गाथाकी एक भाष्यगाथा है । वह कौनसी है ? 'जं चावि संछुहंतो खवेदि किट्टि०' यह एक ही भाप्यगाथा है। 'जं जं खवेदि किट्टि' कृष्टिकी क्षपणा संबन्धी इस तीसरी मूल गाथाकी दस भाष्यगाथाएं हैं। वे कौनसी हैं ? 'बंधो व संकमो वा०' इस गाथासे लेकर 'पच्छिमआवलियाए समऊणाए०' इस गाथा तक दस भाष्य
(१) सूत्रगाथाङ्कः २०५। (२) सूत्रगाथाङ्कः २०६। (३) सूत्रगाथाङ्क: २०७ । (४) सूत्रगाथाङ्कः २०८ । (५) सूत्रगाथाङ्कः २१२। (६) सूत्रगाथाङ्क: २१३ । (७) सूत्रगाथाङ्कः २१४ । (८) सूत्रगाथाङ्कः २१५ । (६) सूत्रगाथाङ्कः २१६। (१०) सूत्रगाथाङ्क: २१७ । (११) सूत्रगाथाङ्कः २१८ । (१२) सूत्रगाथाङ्कः २१९ ।
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