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________________ वेयणसविणयासविहाणाणियोगद्दारं णियमा अजहण्णा असंखेज्जगुण भहिया ॥ १८४ ॥ कुदो ? जहण्णखेत्तेण अंगुलस्स असंखेज्जदिभागपमाणेण अजोगिजहण्णखेत्ते संखेज्जघणंगुलमेत्ते भागे हिदे असंखेज्जरूवोवलंभादो | तस्स भावदो किं जहण्णा अजहण्णा ॥ १८५ ॥ सुगमं । णियमा अजहण्णा अणंतगुणग्भहिया ॥ १८६॥ कुदो ? मज्झिमपरिण | मेहि कदणाम जहण्णभावं पेक्खिदूण सुहुमसांपराइएण सव्वविसुद्वेण बद्धजसगित्तिउक्कस्साणुभागस्स सुहभावेण घादवज्जियस्स अजोगिचरिमसमए अवदिस्स अनंतगुणत्तुवलंभादो । जस्स णामवेयणा भावदो जहण्णा तस्स दव्वदो किं जहण्णा अजहण्णा ? ॥ १८७ ॥ सुगमं । णियमा अजहण्णा चउट्ठाणपदिदा ॥ १८८ ॥ ४, २, १३, १८.] खविदकम्मंसियलक्खणेणागदेण तिचरिमभवे जदि भावो मज्झिमपरिणामेण बंधिय हदसमुप्पत्तियं काढूण जहण्णो कदो [ तो ] तत्थ दव्वमसंखेज्जभागव्महियं होदि, वह नियमसे अजघन्य असंख्यातगुणी अधिक होती है ॥ १८४ ॥ कारण कि अंगुल असंख्यातवें भाग प्रमाण जवन्य क्षेत्रका संख्यात घनांगुल प्रमाण प्रयोगकेवली के जघन्य क्षेत्रमें भाग देनेपर असंख्यात रूप पाये जाते हैं । उसके भावको अपेक्षा वह क्या जघन्य होती है या अजघन्य ।। १८५ ।। यह सूत्र सुगम है । वह नियमसे अजघन्य अनन्तगुणी अधिक होती है ॥ १८६ ॥ कारण कि मध्यम परिणामोंके द्वारा किये गये नामकर्मके जघन्य भावकी अपेक्षा सर्वविशुद्ध सूक्ष्मसाम्परायिक संयतके द्वारा बाँधा गया यशःकीर्तिका उत्कृष्ट अनुभाग शुभ होने के कारण घातसे रहित होकर अयोगिकेवली के अन्तिम समय में स्थित अनन्तगुणा पाया जाता है । जिस जीवके नामकर्मकी वेदना भावकी अपेक्षा जघन्य होती है उसके द्रव्यकी अपेक्षा वह क्या जघन्य होती है या अजघन्य ॥ १८७ ॥ यह सूत्र सुगम है । वह नियम से अजघन्य चार स्थानोंमें पतित होती है ।। १८८ ॥ [ ४३७ कारण यह कि क्षपितकर्माशिक स्वरूपसे आये हुए जीवके द्वारा त्रिचरम भवमें मध्यम परिणाम से बाँध कर हतसमुत्पत्ति करके यदि भाव जघन्य किया गया है तो वहाँपर द्रव्य असंख्यातवें Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001406
Book TitleShatkhandagama Pustak 12
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1955
Total Pages572
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size13 MB
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