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________________ ४, २, ६,५०.] वेयणयहाहियारे वेयणकालविहाणे ठिदिबंधट्ठाणारूवणा [१९७ आबाहट्ठाणाणि एगवाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया। तस्सेव अपजत्तयस्स मोहणीयस्स आबाहाहाणविसेसो संखेजगुणो । आबाहाहाणाणि एगवाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । तेइंदियपजत्ताणमाउअस्स आबाहहाणविसेसो संखेजगुणो। आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया। चउरिंदियपजत्ताणमाउअस्स आवाहट्ठाणविसेसो संखेज्जगुणो । आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियपज्जत्तयस्स आउअस्स आबाहाहाणविसेसो संखेज्जगुणो। आबाहाहाणाणि एगवाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया। सण्णिपंचिंदियपज्जत्तयस्स णामा-गोदाणमाबाहाहाणविसेसो संखेज्जगुणो। आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव पज्जत्तयस्स चदुण्णं करमाणमाबाहट्ठाणविसेसो विसेसाहिओ । आबाहाहाणाणि एगवाहियाणि । उक्कसिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव पज्जत्तयस्स मोहणीयस्स आबाहाहाणविसेसो संखेजगुणो। आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियपजत्तयस्स आउअस्स आबाहाहाणविसेसो विसेसाहिओ । आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । पंचिंदियसण्णि-असण्णिपज्जत्ताणमाउअस्स आबाहहाणविसेसो संखेज्जगुणो। आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सिया, आबाहा ma.. हैं । उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है । उसीके अपर्याप्तकके मोहनीयका आवाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है। त्रीन्द्रिय पर्याप्तकके आयुका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है। आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। चतुरिन्द्रिय पर्याप्तकके आयुका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है। आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । बादर एकेन्द्रिय प्रर्याप्तकके आयुका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है। आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। संज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है। आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है । उसीके पर्याप्तकके चार कर्मोंका आवाधास्थानविशेष विशेष अधिक है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। उसीके पर्याप्तकके मोहनीयका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है। आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक है । उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकके आयुका आबाधास्थानविशेष विशेष अधिक है। आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है । पंचेन्द्रिय संझी व असंझी पर्याप्तकोंके आयुका आवाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है। आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उत्कृष्ट आषाधा विशेष अधिक है। बारह जीवसमासोंके आयुका Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001405
Book TitleShatkhandagama Pustak 11
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Balchandra Shastri, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1995
Total Pages410
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size10 MB
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