SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 218
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४, २, ६, ५०.] वेयणमहाहियारे वेयणकालविहाणे ठिदिबंधट्टाणपरूवणा (१९३ सत्तण्णमपजत्ताणमाउअस्स आबाहाहाणविसेसो संखेजगुणो । आबाहट्ठाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । सुहमेइंदियपज्जत्ताणमाउअस्स आबाहाहाण विसेसो संखेजगुणो। आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया। बादरेइंदियपजत्तयस्स गामा-गोदाणं जहणिया आबाहा संखेजगुणा । सुहुमेइंदियपजत्तस्स णामा-गोदाणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियअपजत्तयस्स [णामा-गोदाणं] जहणिया आबाहा विसेसाहिया । सुहुमेइंदियअपजत्तयस्स णामा-गोदाणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियअपजत्तयस्स णामा-गोदाणं उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । सुहुमेइंदियपज्जत्तयस्स गामागोदाणमुक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियपजत्तयस्स णामा-गोदाणमुक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियपजत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । सुहुमेइंदियपज्जत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियअपजत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । सुहुमेइंदियअपज्जत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियअपजत्तयस्स चदुण्णं कम्माण उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । सुहुमेइंदियपजत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियपज्जत्तयस्स चदुण्णं कम्माणमुक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । संख्यातगुणा है। सात अपर्याप्तकोंके आयुका आवाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तकोंके आयुका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उस्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है। बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है। बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके नाम व गोत्रकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है । सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके नाम व गोत्रकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है । उसीके उनकी उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है। बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके नाम व गोत्रकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रकी उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है । बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रकी उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है। बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकके चार क.मौकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है। सक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तकके चार काँकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है। बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके चार कर्मोंकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है । सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके चार कर्मोकी जघन्य आवाधा विशेष अधिक है। उसीके उनकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके चार कर्मोंकी उत्कृष्ट आबाधा बिशेष अधिक है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तकके चार कर्मोंकी उस्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकके चार कर्मोंकी उत्कृष्ट आवाधा छ. ११-२५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001405
Book TitleShatkhandagama Pustak 11
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Balchandra Shastri, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1995
Total Pages410
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy