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छक्खंडागमे वेयणाखंड [ ४, २, ४, १७५. जं तमरूवि-यचित्तदव्वट्ठाणं तं दुविहं अब्भंतरं बाहिरं चेदि । जं तमभंतरमरूविअचित्तदव्वट्ठाणं तं धम्मत्थिय-अधम्मत्थिय-आगासत्थिय-कालदव्वाणमप्पणो सरूवावट्ठाणहेदुपरिणामा । जं तं बाहिरमरूविअचित्तदव्वट्ठाणं तं धम्मत्थिय-अधम्मत्थिय-कालदव्वेहि ओट्ठद्धागासपदेसा । आगासत्थियस्स णत्थि बाहिरट्ठाण, आगासावगाहिणो' अण्णस्स दव्वस्स अमावादो । जं तं मिस्सदव्वट्ठाणं तं लोगागासो ।
‘भावहाणं दुविहं आगम णोआगमभावट्ठाणभेदेण । तत्थ आगमभावट्ठाणं णाम ट्ठाणपाहुडजाणओ उवजुत्तो । णोआगमभावट्ठाणमोदइयादिभेदेण पंचविहं । एत्थ ओदइयभावट्ठाणेण अहियारो, अघादिकम्माणमुदएण तप्पाओग्गेण जोगुप्पत्तीदो । जोगो खओवसमिओ ति के वि भणंति । तं कधं घडदे ? वीरियंतराइयक्खओवसमेण कत्थ वि जोगस्स वनिमुवलक्खिय खओवसमियत्तपदुप्पायणादो घडदे। .
जोगस्स ट्ठाण जोगट्ठाणं, जोगट्ठाणस्स परूवणदा जोगट्ठाणपरूवणदा, तीए
जो अरूपी अचित्तद्रव्यस्थान है वह दो प्रकार है- अभ्यन्तर अरूपी अचित्तद्रव्यस्थान और बाह्य अरूपी अचित्तद्रव्यस्थान। जो अभ्यन्तर अरूपी अचित्तद्रव्यस्थान है वह धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाशास्तिकाय और काल द्रव्योंके अपने स्वरूपमें अवस्थानके हेतुभूत परिणामों स्वरूप है। जो बाह्य अरूपी अचित्त द्रव्यस्थान है वह धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय व काल द्रव्यसे अवष्टब्ध आकाशप्रदेशों स्वरूप है। आकाशास्तिकायका बाह्य स्थान नहीं है, क्योंकि, आकाशको स्थान देनेवाले दूसरे द्रव्यका अभाव है । जो मिश्रद्रव्यस्थान है वह लोकाकाश है।
भावस्थान आगम और नोआगम भावस्थानके भेदसे दो प्रकार है । उनमें स्थानप्राभृतका जानकार उपयोग युक्त जीव आगमभावस्थान है। नोआगमभावस्थान औदयिक आदिके भेदसे पांच प्रकार है । यहां औदयिक भावस्थानका अधिकार है, क्योंकि, योगकी उत्पत्ति तत्प्रायोग्य अघातिया कर्मों के उदयसे है।
शंका- योग क्षायोपशामिक है, ऐसा कितने ही आचार्य कहते हैं । वह कैसे घटित होता है ?
समाधान-कहींपर वीर्यान्तरायके क्षयोपशमसे योग की वृद्धिको पाकर चूंकि उसे क्षायोपशमिक प्रतिपादन किया गया है, अतएव वह भी घटित होता है। । योगका स्थान योगस्थान, योगस्थानकी प्ररूपणता योगस्थनप्ररूपणता, उस
, मप्रतिपाठोऽयम् । अ-आ-काप्रतिषु 'ओढद्धागासपदेसा आगासावगाहिणो', ताप्रतौ ' ओट्ठद्धागासपदेसत्थियस्व णत्थि बाहिरहाणं, आगासावगाहिणो' इति पाठः। २ मप्रतौ ‘वडिमुवलंबिय ' इति पाठः। ३ अ-आकाप्रतिष्ठ 'जोगट्टाणदा' इति पाठः।
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