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१३.] छक्खंडागमे वेयणाखंड
[१, २, ४, ३२. परिवाडीए संधिदेसु इच्छिदगुणहाणिपढमणिसेगविक्खंभं अण्णोण्णब्भत्थरासिअद्धमेत्ततिण्णिगुणहाणिआयाम खेत्तं होदि । एवं जाणिदूण णेदवं जाव कम्मट्ठिदिचरिममिसगो ति । एवं दिवड्डगुणहाणिभागहारो गुणहाणि पडि दुगुण-दुगुणकमेण वड्डमाणो कम्हि पलिदोवमपमाणं पावेदि त्ति वुत्ते पलिदोवम-बे-त्तिभागणाणागुणहाणिसलागाणमद्धछेदणयमेत्तगुणहाणीयो उवरि चडिदे होदि,दिवड्डगुणहाणिआगमणटुं पलिदोवमस्स ठविदभागहारेण पलिदोवम-बे-तिभागणाणागुणहाणिसलागाणं समाणत्तुवलंभादो । एदेण सव्वदव्वे अवहिरिज्जमाणे पलिदोवममेत्तकालेण अवहिरिज्जदि । एवं पलिदोवमस्स दुभाग-तिभाग-चदुब्भागादिभागहारा साधेदव्वा । जदि वि सछेदमेदमद्धाणमुप्पज्जदि तो वि बालजणवुप्पायणट्ठमेदं वत्तव्यं । तदुवरिमगुणहाणिपढमणिसेगेण सव्वव्वं दोपलिदोवमैट्ठाणंतरेण कालेण अवहिरिज्जदि । एवं संखेज्जरूवच्छेदणयमेत्तगुणहाणीओ उवरि चडिदगुणहाणिपढमणिसेयपमाणेण सव्वदव्वं कम्मढिदिट्ठाणंतरेण कालेण अवहिरिज्जदि । एदस्सुवरि जहण्णपरित्तासंखेज्जच्छेदणयमेत्तगुणहाणीयो चडिदहिदगुणहाणीए
निषेक प्रमाण विस्तृत और अन्योन्याभ्यस्त राशिके अर्ध भाग मात्र तीन गुण हानि आयत क्षेत्र होता है । इस प्रकार जानकर कर्मस्थितिके अन्तिम निषेक तक ले जाना चाहिये।
शंका-इस प्रकार डेढ़ गुणहानि प्रमाण भागहार प्रत्येक गुणहानिके प्रति उत्तरोत्तर दूना दूना होता हुआ किस स्थानमें पल्यापम के प्रमाणको प्राप्त होता है ?
समाधान-इस शंकाके उत्तर में कहते हैं कि पल्योपमके दो त्रिभाग मात्र नानागुणहानिशलाकाओंके अर्धच्छेदोंके बराबर गुणहानियां आगे जाजेपर वह पल्योपमके प्रमाणको प्राप्त होता है, क्योंकि, डेढ़ गुणहानियोंके लानेके लिये पल्योपमके स्थापित भागहारके साथ पल्योपमकी दो त्रिभाग मात्र नानागुणहानिशलाज्ञाओंको समानता पायी जाती है।
इससे सब द्रव्यको अपहृत करनेपर वह पल्यापम मात्र कालसे अपहृत होता है। इसी प्रकार पल्योपमके द्वितीय भाग, तृतीय भाग व चतुर्थ भाग आदि रूप भाग हारोंको सिद्ध कर लेना चाहिये। यद्यपि यह सछेद स्थान उत्पन्न होता है तो भी इसे बालजनोंके व्युत्पादनार्थ कहना चाहिये ।
__उससे आगेकी गुणहानिके प्रथम निवेकसे सब द्रव्य दो पल्योपमस्थानान्तरकालसे अपहृत होता है । इस प्रकार संख्यात अंकों के अर्धच्छेद मात्र गुणहानियां आगे जाकर प्राप्त हुई गुणहानिके प्रथम निषेकके प्रमाणसे सब द्रव्य कर्मस्थितिस्थानान्तरकालसे अपहृत होता है । इससे आगे जघन्य परीतासंख्यातके अर्धच्छेद मात्र गुणहानियां
1 अप्रतौ ' बालहुण' इति पाठः।
२ प्रतिषु — दो वि पलिदोवम ' इति पाठः ।
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