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८. ] छक्खंडागमे वेयणाखंड
[४, २, ४, २८. अण्णोण्णब्भत्थरासिमेत्तुक्कस्सजोगट्ठाणजीवाणं जीद जवमज्झपमाणं लब्भदि तो किंचूणदिवड्डगुणहाणिमत्तुक्कस्सजोगट्ठाणजीवाणं किं लभामो त्ति किंचूणण्णोण्णब्भत्थरासिणा किंचूणदिवड्डम्मि भागे हिदे सेडीए असंखेज्जदिभागमेत्तजवमज्झाणि लब्भंति । तेसिं संदिट्ठी ।१३।। दो वि सरिसच्छेदं कादूण मेलाविदे एत्तिय होदि|६४।। एवं तिसु गुणहाणीसु अवणिदे किंचूणतिण्णिगुणहाणिपमाणं होदि । तस्स संदिट्ठी |१९|| एदेण जवमज्झे गुणिदे सव्वव्वं होदि । तस्स संदिट्ठी बावीसुत्तरचोइससदमेत्ता |१४२२ । एदं किंचूणतीहि गुणहाणीहि ओवहिदे जेण जवमज्झमागच्छदि तेण जवमज्ज्ञपमाणेण सव्वदव्वे अवहिरिज्जमाणे किंचूणतिण्णिगुणहाणिकालेण अवहिरिज्जदि त्ति सिद्धं ।
है उतने उत्कृष्ट योगस्थानके जीवोंका यदि एक यवमध्यके बराबर प्रमाण प्राप्त होता है तो कुछ कम डेढ़ गुणहानिका जितना प्रमाण है उतने उत्कृष्ट योगस्थानके जीवोंका क्या प्रमाण प्राप्त होगा, इस प्रकार कुछ कम अन्योन्याभ्यस्त राशिका कुछ कम डेढ़ गुणहानिमें भाग देनेपर श्रेणिके असंख्यातवें भाग मात्र यवमध्य प्राप्त होते हैं। उनकी संदृष्टि । है । दोनोंके समान खण्ड करके सिलाने पर इतना होता है ।
उदाहरण --अधस्तन अन्योन्याभ्यस्त राशि ८ में यदि एक यवमध्य राशि है तो कुछ कम डेढ़ गुणहानिमें कितनी यवमध्य राशि होगी। यहां कुछ कम डेढ़ गुणहानिका प्रमाण = ५१।
११ ४ ? = ११ यवमध्य भाग ।
उपरितन प्रमाणके लिये कुछ कम अन्योन्याभ्यस्त राशि निकालनी है, अतः उपरितन ३२ अन्योन्याभ्यस्त राशिको गणितकी दृष्टि से १२८ माना गया। यदि १२८ राशिमें एक यवमध्य राशि है तो कुछ कम डेढ़ गुणहानिमें कितनी यवमध्य राशि होगी। यहां कुछ कम डेढ़ गुणहानिका प्रमाण ५३;
२.६ x २५८ = १३ यवमध्य भाग ।
इसको तीन गुणहानियोंमेंसे कम करनेपर तीन गुणहानियोका कुछ कम प्रमाण होता है । उसकी संदृष्टि १२ - ५४ = ७१.१ है। इससे यवमध्यको गुणित करनेपर सर्व द्रव्य होता है। उसकी संदृष्टि चौदह सौ बाईस है- १२८ x १.१ = १४२२ । इसे चूंकि कुछ कम तीन गुणहानियोंसे अपवर्तित करनेपर यवमध्य आता है, अतः यवमध्यके प्रमाणसे सर्व द्रव्यके अपहृत करनेपर वह कुछ कम तीन गुणहानियोंके कालसे अपहृत होता है, यह सिद्ध होता है।
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