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________________ ४, १, २.] कदिअणियोगद्दोरे देसेहिणाणपरूवा अपज्जत्तयस्स उक्कस्सिया ओगाहणा विसेसाहिया । तस्सेव णिव्वत्तिपज्जत्तयस्स उक्कस्सिया ओगाहणा विसेसाहिया । बादरतेउकाइयणिव्वत्तिपज्जत्तयस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा । तस्सेव णिव्वत्तिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सिया ओगाहणा विसेसाहिया । तस्सेव णिव्वत्तिपज्जत्तयस्स उक्कस्सिया ओगाहणा विसेसाहिया । बादरआउकाइयणिव्वत्तिपज्जत्तयस्स जहाणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा । तस्सेव णिव्वत्तिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सिया ओगाहणा विसेसाहिया । तस्सेव णिव्वत्तिपज्जत्तयस्स उक्कस्सिया ओगाहणा विसेसाहिया । बादरपुढविकाइयणिव्वत्तिपज्जत्तयस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा । तस्सेव णिव्वत्तिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सिया ओगाहणा विसेसाहिया । तस्सेव णिव्वत्तिपज्जत्तयस्स उक्कस्सिया ओगाहणा विसेसाहिया । बादरणिगोदणिव्यत्तिपज्जत्तयस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा । तस्सेव णिव्वत्तिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सिया ओगाहणा विसेसाहिया । तस्सेव णिव्वत्तिपज्जत्तयस्स उक्कस्सिया ओगाहणा विसेसाहिया । [णिगोदपदिहिदपज्जत्तयस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा । तस्सेव णिव्वत्तिअज्जत्तयस्स उक्कस्सिया ओगाहणा विसेसाहिया । तस्सेव णिव्वत्तिपज्जत्तयस्स उक्कस्सिया ओगाहणा विसेसाहिया । ] बादरवणप्फदिकाइयपत्तेयसरीर [णिव्वत्ति- ] पज्जत्तयस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा । बीइंदियणिव्वत्तिपज्जत्तयस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा । तीइंदियणिव्वत्तिपज्जत्तयस्स जहणिया ओगाहणा संखेज्जगुणा । चउरिंदियणिव्वत्तिपज्जतयस्स जहणिया उत्कृष्ट अवगाहना विशेष अधिक है। उसके ही निर्वृत्तिपर्याप्तकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेष अधिक है। बादर तेजकायिक निवृत्तिपर्याप्तकी जघन्य अवगाहना असंख्यातगुणी है। उसके ही निर्वृत्त्यपर्याप्तकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेष अधिक है। उसके ही निर्वृत्तिपर्याप्तकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेष अधिक है । बादर अप्कायिक निर्वृत्तिपर्याप्तकी जघन्य अवगाहना असंख्यातगुणी है। उसके ही निर्वृत्त्यपर्याप्तकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेष अधिक है। उसके ही निवृत्तिपर्याप्तकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेष अधिक है। बादर प्रथिवीकायिक निवृत्तिपर्याप्तकी जघन्य अवगाहना असंख्यातगुणी है। उसके ही निर्वत्यपर्याप्तकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेष अधिक है । उसके ही निर्वृत्तिपर्याप्तकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेष अधिक है। बादर निगोद निर्वृत्तिपर्याप्तकी जघन्य अवगाहना असंख्यातगुणी है। उसके ही निवृत्त्यपर्याप्तकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेष अधिक है। उसके ही निर्वृत्तिपर्याप्तकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेष अधिक है । [निगोद-प्रतिष्ठित पर्याप्तकी जघन्य अवगाहना असंख्यातगुणी है। उसके ही निर्वृत्त्यपर्याप्तकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेष अधिक है । उसके ही निर्वृत्तिपर्याप्तकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेष अधिक है। ] बादर वनस्पतिकायिक प्रत्येकशरीर निर्वृत्तिपर्याप्तकी जघन्य अवगाहना असंख्यात. गुणी है। द्वीन्द्रिय निर्वृत्तिपर्याप्तकी जघन्य अवगाहना असंख्यातगुणी है। त्रीन्द्रिय निर्वृत्तिपर्याप्तकी जघन्य अवगाहना संख्यातगुणी है । चतुरिन्द्रिय निर्वृत्तिपर्याप्तकी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001403
Book TitleShatkhandagama Pustak 09
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1949
Total Pages498
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size11 MB
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