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छक्खंडागमे वेयणाखं गाणाजीवं पडुच्च जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेण छम्मासा। एगजीवं पडुच्च जहण्णेण अंतोमुहुत्तं, उक्कस्सेण अद्धपोग्गलपरियटै ।
चक्खुदंसणीणं णारगभंगो। अचक्खुदंसणीणं णत्थि अंतरं, केवलदसणीणं पुणो अचक्खुदंसणपरिणामाभावादो । ओहिदसणीणं ओहिणाणिभंगो। केवलदसणाणं केवलणाणिभंगो।
किण्ण-णील-काउलेस्सियाणं कदिसंचिदाणं अंतर केवचिरं कालादो होदि ? एगजीवं पडुच्च जहण्णेण अंतोमुहुत्तं, उक्करसेण तेत्तीससागरोवमाणि सादिरेयाणि । तेउ-पम्म-सुक्कलेस्सियाणं णारगभंगो । भवसिद्धियाणं णस्थि अंतरं, सिद्धाणं भवियपरिणामाभावादो। अभवसिद्धियाणं णत्थि अंतरं । कारणं सुगम ।
सम्मादिहि-वेदगसम्मादिट्ठि-मिच्छादिट्ठीणमाभिणिबोहियभंगो। खइयसम्मादिट्ठीणं णस्थि अंतरं, सम्मत्ततरगमणाभावादो । उवसमसम्मादिट्ठीणं तिण्ण पदाणं णाणाजीवं पडुच्च जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेण सत्तरादिदियाणि । एगजीवं पडुच्च सम्मादिभिंगो। सम्मामिच्छाइट्ठीणं तिण्णिपदाणं णाणाजीवं पडुच्च जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेण पलिदोवमस्स
समय और उत्कर्षसे छह मास तक अन्तर होता है। एक जीवकी अपेक्षा जघन्यसे अन्तमुहर्त और उत्कर्षसे अर्ध पुद्गलपरिवर्तन काल तक अन्तर होता है।
चक्षुदर्शनी जीवोंकी प्ररूपणा नारकियों के समान है । अचक्षुदर्शनी जीपोंका अन्तर नहीं होता, क्योंकि, केवलदर्शनी जीव पुनः अचक्षुदर्शनी रूपसे परिणमन नहीं करते। अवधिदर्शनी जीवोंकी प्ररूपणा अवधिशानियोंके समान है। केवलदर्शनी जीवोंकी प्ररूपणा केवलज्ञानियोंके समान है।
कृष्ण, नील और कापोत लेश्यावाले कृतिसंचितोंका अन्तर कितने काल तक होता है ? एक जीवकी अपेक्षा जघन्यसे अन्तर्मुहूर्त और उत्कर्षसे तेतीस सागरोपमोंसे कुछ अधिक अन्तर होता है। तेज, पद्म और शुक्ल लेश्यावाले जीवोंकी प्ररूपणा नारकियोंके समान है।
भव्यसिद्धिक जीवोंका अन्तर नहीं होता, क्योंकि, सिद्ध जीवोंका पुनः भव्य स्वरूपसे परिणमन नहीं होता। अभव्यसिद्धिक जीवोंका अन्तर नहीं होता। इसका कारण
सुगम है।
सम्यग्दृष्टि, वेदकसम्यग्दृष्टि और मिथ्यादृष्टि जीवोंकी प्ररूपणा आभिनिबोधिकशानियोंके समान है। क्षायिकसम्यग्दृष्टि जीवोंका अन्तर नहीं होता, क्योंकि, क्षायिका सम्यक्स्व अन्य सम्यक्त्व स्वरूप परिणत नहीं होता। उपशमसम्यग्दृष्टि जीवोंके तीन पदोंका अन्तर नाना जीवोंकी अपेक्षा जघन्यसे एक समय और उत्कर्षसे सात रात्रि दिन होता है । एक जीवकी अपेक्षा उनकी प्ररूपणा सम्यग्दृष्टि जीवोंके समान है। सम्यग्मिथ्या. हटियोंके तीन-पदोंका अन्तर नाना जीवोंकी अपेक्षा जघन्यसे एक: समय और उत्कर्षसे
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